Hazaribagh : आपको यकीन नहीं होगा लेकिन यह सच है कि हजारीबाग और उसके आसपास उपजने वाले धान की क्वालिटी इतनी बढ़िया है कि इससे बनने वाले उसना चावल की मांग अफ्रीकी देशों में खूब है. यही कारण है कि यहां से धान बड़ी मात्रा में आंध्र प्रदेश जा रहा है, जहां से इसे मिलिंग कर अफ्रीकी देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है.
इसे भी पढ़ें – Bitcoin ने 51 हजार डॉलर के लेवल को किया क्रॉस, 2 दिनों में 4 फीसदी की बढ़त, 24 घंटे में Shiba 16.17 फीसदी उछला
अफ्रीकी देशों में ऐसे चावलों की बड़ी मांग है
हजारीबाग में उपजने वाले धान के बने चावल लंबे होते हैं. लंबे चावल की मांग अफ्रीका में बहुत है .हजारीबाग में ई-नाम पर बड़ी संख्या में किसान रजिस्टर्ड है और ई-नाम के तहत इस इलाके से सर्वाधिक धान की बिक्री होती है. ऐसे में धान खरीदने वाले बड़े व्यापारियों के लिए हजारीबाग एक बड़ी मंडी के रूप में विकसित हो रहा है. दूसरी तरफ किसानों को घर बैठे फसल का अच्छा मूल्य मिल जा रहा है.
इसे भी पढ़ें – ओमिक्रॉन अलर्ट : 25 दिसंबर से यूपी में नाइट कर्फ्यू, शादी समारोह में 200 लोगों को ही इजाजत
आंध्र प्रदेश के मिलों में यहां के धान की बड़ी मांग है
हजारीबाग के धान खरीदने वाले बड़े व्यापारी राकेश जायसवाल बताते हैं कि इनाम से मार्केटिंग होने के कारण किसानों के पैसे कहीं फंसने का अंदेशा नहीं रहता है और जब तक पैक्स से धान की खरीदारी नहीं हो रही है तब तक किसान उन्हें धान बेच रहे हैं. अभी उन्हें औसतन ₹14 के दर से भुगतान किया जा रहा है. हमारे पास नमी नापने की मशीन है, जिससे किसानों को सही दाम मिल जा रहा है .उन्होंने कहा आंध्र प्रदेश के मिलों में यहां के धान की बड़ी मांग है, क्योंकि वहां उन्नत किस्म की चावल प्रोसेसिंग की मशीनें है. जिससे जो उसना चावल वहां मिल होता है. उसकी मांग अफ्रीकी देशों में खूब होती है. इसी कारण धान की फसल के शुरुआत में ही उन्हें आंध्र प्रदेश के कई मिलों से आर्डर मिल जाते हैं .इस बार उनका टारगेट लगभग आधा दर्जन रैक धान आंध्र प्रदेश भेजने का है. 2 रैक धान अब तक वे वहां भेज चुके हैं .हालांकि पैक से धान खरीद शुरू हो जाने पर किसान टैक्स में अपनी धान भेजने लगेंगे .
इस बार 10 से 15 करोड़ के धान यहां से भेजे जाएंगे
उम्मीद की जा रही है कि इस बार 10 से 15 करोड़ के मूल्य के धान यहां से भेजे जाएंगे. जिसमें 60 फ़ीसदी किसानों ने इनाम से और 40 फीसदी किसानों ने सीधे व्यापारी को अपना धान बेचा है .वही इनाम में 60 फ़ीसदी एफपीओ से जुड़े किसानों ने धान बेचा है, जबकि 40 फ़ीसदी सीधे तौर पर ई-नाम से जुड़कर धान की बिक्री की है.
इसे भी पढ़ें –लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट : जांच एजेंसियों को मिला हाई ग्रेड एक्सप्लोसिव, शव के उड़े थे चिथड़े, मिला सिर्फ टैटू
Leave a Reply