Ranchi: राजधानी रांची के अरगोड़ा में बन रहे ड्रीम टावर के तीनों फेज A,B और C तक पहुंचने का रास्ता (एप्रोच रोड) गैरमजरूआ जमीन पर बना हुआ है. बता दें कि यहां तक पहुंचने के लिए 40 फीट के रास्ते का निर्माण होना है. इस भूमि के प्लाट नंबर-523, खाता संख्या– 336/337 की प्रकृति गैरमजरूआ जमीन है. यहीं कारण है कि टावर के निर्माण के लिए नक्शा पास करने के वक्त भी इस जमीन का कोई दस्तवेज पेश नहीं किया गया. जानकारी के अनुसार जो दस्तवेज दिखाये गये थे उसके अनुसार यह जमीन किशुन महतो नाम के एक व्यक्ति की है. बिल्डर ने सादे कागज पर उसके वंशजों से एग्रिमेंट कर लिया. किशुन महतो के वंशज के पास इस प्लाट के कोई कागजात नहीं थे और ना ही रजिस्टर में इनके नाम ही दर्ज हैं. जानकारी के अनुसार 1960 में किशुन महतो ने इस जमीन को एक व्यक्ति के हाथों बेच दिया था,लेकिन गैरमजरूआ जमीन होने के कारण वह शख्स उस जमीन पर कोई निर्माण नहीं करा पाया था.
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दो बार निगम ने बिल्डर को थमाया है नोटिस
ड्रीम हाईट्स के लक्की बिल्डकॉन का ड्रीम टावर 1.47 एकड़ में बना है,जिसमें 166 फ्लैट का निर्माण कार्य चल रहा है. गैरमजरूआ जमीन को ही बिल्डर ने एप्रोच रोड के रूप में इस्तेमाल किया और निगम को भ्रमा कर नक्शा पास भी करवा लिया. नक्शा का केस नंबर BP/W36/0821/18 है. टाउन प्लानर ने नक्शे पर सवाल उठाते हुए दो बार निगम ने बिल्डर को नोटिस थमाया है. जिसके बारे में लक्की बिल्डकॉन का कहना है कि उन्होंने निगम को अपना जवाब भेज दिया है.निगम के सुर्खियों में रहने वाले टाउन प्लानर ने इसका नक्शा पास किया था, जबकि एप्रोच रोड के जमीन का कोई कागजात ही जमा नहीं किये गये थे.
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NGT में भी चल रहा मामला
ड्रीम टावर को लेकर झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद् में भी मामला चल रहा. कुछ माह पूर्व NGT ने राज्य के 50 से अधिक भवनों के निर्माण पर रोक लगाते हुए उनपर दंड निर्धारित करने की प्रक्रिया शुरू की थी, जिसने बिना पर्यावरण स्वीकृति के निर्माण किये थे. राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद् ने भी सभी बिल्डरों को नोटिस किया है.
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