Dhanbad: जिले से पुरुलिया को जोड़ने वाली बिरसा पुल की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है. इसकी मरम्मत के लिए कई बार जिला प्रसासन और राज्य सरकार से मांग भी की गई. लेकिन आज तक इसकी मरम्मत की ओर किसी का ध्यान नहीं गया. जिससे कभी भी बड़ी हादसा हो सकता है. आपको बता दें कि अभी हाल ही में प्रदेश में कई पुल लापरवाही की भेंट चढ़ चुके हैं. इससे पहले कि यहां कोई हादसा हो जाए, इस पुल को जरूरत है मरम्मत की.
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पुल को जरूरत है मरम्मत की
आपको बता दें कि धनबाद और पुरुलिया को जोड़ने वाली पुल 1980 में बनकर तैयार हो गया था. इसका उद्घाटन 1982 में बिनोद बिहारी माहतो, तत्कालीन धनबाद के सांसद कॉमरेड ए के रॉय, समरेश सिंह तथा अन्य नेताओं के द्वारा किया गया था. नेताओं की माने तो पुल का नामकरण संजय गांधी के नाम पर किया जा रहा था, क्योंकि देश में कांग्रेस की सरकार थी. लेकिन तत्कालीन धनबाद के सांसद कॉमरेड ए के रॉय और बिनोद बिहारी माहतो ने कहा कि इस पुल का नाम संजय गांधी सेतु नहीं बिरसा सेतु रखा जाएगा. जिसके बाद इस पुल का नामकरण बिरसा पुल के नाम से कर दिया गया.
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पुल के रिपेयरिंग की मांग
पुल का उद्घाटन होने से स्थानीय लोग काफी खुस थे. क्योंकि पुल नहीं होने से स्थानीय ग्रामीण रोजगार के लिए दामोदर नदी से नाव के सहारे इस पार से उस पार करते थे. जिससे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था. आज इस पुल की स्थिति काफी जर्जर हो गई है. कई बार बड़ा हादसा होने से लोगों की जान तक चली गई है. बावजूद इसके इस पुल का अस्थाई मरम्मत नहीं किया जा रहा है. जिससे इस पुल से आवागमन करने वालो में हमेशा भय का माहौल बना रहता है. पुल से आवागमन करने वाले और स्थानीय ग्रामीण राज्य सरकार और जिला प्रशासन से इस पुल का अस्थाई मरम्मत की मांग कर रहे हैं.
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