Hazaribagh : झारखंड के हजारीबाग जिले में दो बड़े बस पड़ाव संचालित है, जिनमें से एक सरकारी बस पड़ाव है जबकि दूसरा जिला परिषद बस पड़ाव है. शहर के दोनों बस पड़ाव की स्थिति सुविधा के मामले में नगण्य में है. आम लोगों को छोटी-मोटी जरूरतों के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है.
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इसका टेंडर पुरुषोत्तम लाल सरोज ने लिया हैं.
सरकारी बस पड़ाव सबसे पुराना है और यह 50 – 60 के दशक से संचालित है. तब यहां से राज ट्रांसपोर्ट की गाड़ियां खुला करती थी. आज इस पड़ाव से एसी बसें विभिन्न जिलों को जाती है .यहां से लगभग 35 से 40 बसों का संचालन होता है. परिवहन विभाग के जिम्मे आने वाला यह बस पड़ाव अब नगर निगम को हस्तांतरित किया जा रहा है. अभी हाल में इसका टेंडर भी किया गया, जिसे पुरुषोत्तम लाल सरोज ने लिया हैं.
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नगर निगम चार दिनों में एक बार आकर कूड़ा उठा ले जाता है
साफ सफाई की बात करें तो स्थानीय दुकानदार जो विगत 30-40 सालों से यहां है. उन्होंने आपस में मिलकर एक सफाईकर्मी को रखा है. जो थोड़ी बहुत सफाई कर जाता है. नगर निगम दो से तीन चार दिनों में एक बार आकर कूड़ा उठा ले जाता है. पूरे परिसर में केवल एक सुलभ शौचालय कार्यरत है. जबकि परिसर के अंदर बनाए गए प्रसाधन के केंद्र प्रयोग में नहीं लाए जाते. वह टूटे-फूटे हैं और बहुत ही गंदे है. पीने के पानी के लिए एक वॉटर एटीएम लाखों के खर्च से लगाया गया जिसमें से आज तक एक बूंद भी पानी नहीं निकल पाया. पानी के लिए आपको यहां बोतलबंद पानी पर ही निर्भर रहना पड़ेगा.
साफ-सफाई स्थानीय दुकानदार ही मिलकर करवाते हैं
वही जिला परिषद बस पड़ाव की बात करें तो वहां भी कमोबेश यही स्थिति है. वहां की साफ-सफाई भी स्थानीय दुकानदार ही मिलकर करवाते हैं .कभी-कभी नगर निगम की गाड़ी आती है तो थोड़ी बहुत साफ सफाई हो जाती है. पड़ाव के पीछे एक सुलभ शौचालय संचालित है, लेकिन परिसर के अंदर बस पड़ाव का कोई भी प्रसाधन या शौचालय नहीं है. जिसके कारण महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पुरुष खुले में ही मूत्र विसर्जन करते हैं. पीने के पानी का कोई इंतजाम नहीं है. यहां भी एक वाटर एटीएम लगाया गया था जिसमें कभी पानी आया ही नहीं .इस बस स्टैंड से रोजाना 100 से अधिक बसें संचालित होती हैं. इस बस पड़ाव के भी ठेकेदार पुरुषोत्तम लाल सरोज हैं जो बरही के पूर्व विधायक मनोज यादव के छोटे भाई हैं इन्होंने लगभग चौबीस लाख रुपए में इसका टेंडर लिया है. साफ-सफाई भी इनको ही करना है लेकिन साफ सफाई होती नही.
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