Ranchi : जाति आधारित जनगणना को वर्तमान समय में जरूरी बताते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो, राष्ट्रीय जनता दल के सत्यानंद भोक्ता, माले के विनोद कुमार सिंह, एनसीपी के कमलेश कुमार सिंह, सीपीआई के भुनेश्वर प्रसाद मेहता, मासस के अरूप चटर्जी और सीपीआई (एम) के सुरेश मुंडा शामिल थे. मुख्यमंत्री ने अमित शाह को बताया कि आजादी के बाद से आज तक कराये गए जनगणना में जातिगत आंकड़े शामिल नहीं किये गए हैं.
इससे विशेषकर पिछड़े वर्ग के लोगों को विशेष सुविधाएं पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. वर्ष 2021 में प्रस्तावित जनगणना में जातीय जनगणना नहीं कराने की सरकार द्वारा लिखित सूचना दी गई है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. पिछले कई वर्षों से पिछड़े वर्ग के लोग अपेक्षित प्रगति नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में जातिगत जनगणना नहीं कराई गई तो पिछड़ी जातियों का शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक स्थिति का ना तो सही आकलन हो पायेगा, ना ही उनके उत्थान के समुचित काम हो सकेगा.
सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास के लिए जाति आधारित जनगणना जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा, सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास, को जमीनी पहल करना समय की मांग है. जाति आधारित जनगणना कराए जाने से देश के नीति निर्धारण में किस तरह के फायदे होंगे. इस बात की भी चर्चा मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से की है.
जातिगत जनगणना के फायदे
- पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराने में आंकड़े सहायक साबित होंगे.
- नीति निर्माताओं को पिछड़े वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए बेहतर नीति निर्धारण बनाने में मदद करेंगे.
- यह आंकड़े आर्थिक सामाजिक एवं शैक्षणिक विषमताओं को उजागर करेंगे एवं तत्पश्चात लोकतांत्रिक तरीकों से इनका समाधान निकाला जा सकेगा.
- संविधान की धारा 340 में भी आर्थिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों की वस्तुस्थिति की जानकारी के लिए आयोग बनाने का प्रावधान है. जातिगत जनगणना से संविधान के प्रावधान का अनुपालन सुनिश्चित हो सकेगा.
- लक्ष्य आधारित योजनाओं में सुयोग्य लाभुकों को शामिल करने तथा नहीं करने में होने वाली गलतियों को कम करने में आंकड़ा सहायक साबित होगी.
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