Bokaro/Gomia: सीसीएल के ढोरी प्रक्षेत्र और बीएंडके प्रक्षेत्र के मध्य स्थित फुटबॉल ग्राउंड के बगल से नाला बनाने का विस्थापितों ने विरोध किया है. सीआईएसएफ तथा सीसीएल सुरक्षा गार्डों की मौजूदगी में ग्राउंड के बगल से नाला बनाने का प्रयास किया गया. इसका स्थानीय विस्थापितों व ग्रामीणों ने विरोध किया. इस पर पहले राउंड में सीआईएसएफ और सुरक्षा गार्ड ने विस्थापितों को पीछे हटने पर मजबूर किया. उसके बाद गांव के लोग मौके पर पहुंचे और काम को रुकवा दिया. इसके बाद प्रबंधन ग्राउंड से मशीन को लेकर वापस चला गया.
जमीन के कागजात का रैयतों ने दिया हवाला
रैयतों ने कहा कि हम अपनी जान दे देंगे, लेकिन अपने पूर्वजों की जमीन को ऐसे नहीं लूटने देंगे. विस्थापितों का कहना है कि, हम लोगों ने अपने कागजात सीसीएल बीएंडके प्रबंधन को 7 जनवरी 2021 को जमा करा दिया है. इसके बाद भी तीन बार स्थानीय तथा एरिया प्रबंधन को कागजात दिया गया है. हम अपनी रैयती जमीन पर अपने परिवार के साथ रहते और खेती कर गुजर बसर करते हैं. रैयतों ने बताया कि प्रबंधन की ओर से बार-बार सीआईएसएफ तथा सीसीएल के सुरक्षा गार्ड के बल पर जबरन जमीन पर कब्जा करने की नियत से कार्य करने का प्रयास किया जा रहा है. सरकार ने यह नियम नहीं बनाया है कि, रैयतों को बल पूर्वक उनकी जमीन से बेदखल कर वहां खदान बना लें या फिर रैयतों के जमीन पर कब्जा कर लें.
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नियमानुसार जमीन अधिग्रहण का मिलेगा लाभ
सीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि उक्त जमीन सीसीएल द्वारा अधिग्रहित की गई है. विस्थापितों को नियमानुसार हक दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है. नियमानुसार जिनकी 2 एकड़ जमीन गई है, उन्हें ही नौकरी मिल सकती है. लेकिन कुछ लोग छोटी-छोटी जमीन पर भी नौकरी मांगते हैं, जो संभव नहीं है. लेकिन इतना तय है कि, विस्थापितों का हक नहीं मारा जाएगा. जो भी नियमसंगत हक बनता है वह निश्चित रूप से दिया जाएगा.
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