Pravin Kumar
Ranchi: झारखंड सरकार राज्यकर्मियों के प्रोमोशन पर रोक लगाने के फैसले को वापस लेगी, लेकिन प्रोमोशन पर रोक लगाने से संबंधित संचिका सुस्त रफ्तार से बढ़ रही है. प्राप्त सूचना के अनुसार, कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के द्वारा प्रोन्नति पर लगायी गई रोक के संबंध संचिका पर एजी से मंतव्य ले चुका है. इसके बाद कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के मंत्री के रूप में हेमंत सोरेन का अनुमोदन भी प्राप्त हो चुका है. विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद संचिका को मुख्यसचिव सचिवालाय भेजा गया था. जहां पिछले 15 दिनों से फाइल लंबित है. सूत्रों के मुताबिक इस मामले को मुख्यसचिव सचिवालय कैबिनेट का अनुमोदन प्राप्त करने के बाद सीएम के पास भेजने की योजना है. जिस कारण संचिका 15 दिनों से मुख्य सचिव सचिवालाय में लंबित होने की सूचना है.
दिसंबर 2020 में जारी किया गया था आदेश
प्रोन्नति पर रोक लगाने से संबंधित यह आदेश दिसंबर 2020 में मुख्य सचिव ने जारी किया था. दिसंबर 2020 में राज्य सरकार की सभी सेवाओं एवं पदों में प्रोन्नति पर अगले आदेश तक के लिए तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी. सीएम के आदेश के बाद सभी विभागीय प्रमुख, आयुक्त और जिलों के उपायुक्तों को इस बाबत निर्देश जारी किये गए थे. ये आदेश दिसंबर 2020 में मुख्य सचिव ने जारी किया था. वहीं इससे जुड़े मामले पर हाईकोर्ट में भी सुनवाई चल रही है.
एसटी-एससी अधिकारी-कर्मचारियों की प्रोन्नति के मामले में बनी थी विधानसभा की कमेटी
राज्य में एसटी-एससी अधिकारी-कर्मचारियों की प्रोन्नति के मामले में बरती गयी अनियमितता की जांच करने के लिये विधानसभा ने कमिटी का गठन किया था. इस मामले में पक्ष-विपक्ष के एसटी व एससी विधायकों से मंतव्य मांगा था. विधानसभा कमिटी ने भी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.
ख्यांग्ते की अध्यक्षता में बनी कमिटी ने भी सरकार को सौंप दी है रिपोर्ट
प्रोमोशन पर लगी रोक हटाने एवं सरकार की सेवाओं और पदों के अधीन प्रोन्नति, प्रशासनिक दक्षता और क्रिमी लेयर में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता पर एक अध्ययन रिपोर्ट सरकार के द्वारा तैयार कराया गया था. यह रिपोर्ट तैयार करने के लिए एल ख्यांग्ते की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी.
इसे भी पढ़ें- चक्रधरपुर रेल मंडल के बंडामुंडा स्टेशन में भी जल्द रुकेगी स्टाफ शटल ट्रेन, कर्मचारियों को होगी सुविधा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सीएम ने इसके बाद तत्काल प्रोमोशन संबंधी अड़चनों को दूर करने का निर्देश संबंधित पदाधिकारियों को दिये थे. समिति की रिपोर्ट के आधार पर डाटाबेस भी विभाग को मिल गया है, जिसमें विभिन्न बाधाओं को दूर करते हुए विभागों में प्रोन्नति के संबंध में एक कार्य प्रणाली तैयार करने का भी निर्णय लिया, जो समिति को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से मूल्यांकन करने में सक्षम बनाएगी.
57,182 पद प्रोन्नति के आधार पर भरे जाने हैं
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, सूबे के 34 विभागों में 31 प्रमुख विभागों में राज्य में कुल स्वीकृत पदों की कुल संख्या 3,01,198 है. जिसमें से 57,182 पद प्रोन्नति के आधार पर भरे जाने हैं. जबकि 2,44,016 पद सीधी नियुक्ति से भरे जाने हैं. समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य की सेवाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का प्रतिनिधित्व अपेक्षित स्तर से काफी नीचे है, इसीलिए प्रोन्नति में आरक्षण की वर्तमान नीति को जारी रखना आवश्यक है. इसे लेकर राज्य में प्रोमोशन में आरक्षण की भी व्यवस्था बहाल रहेगी.