Ranchi : ग्रामीण एसपी नौषीद आलम पर जमीन कब्जा कराने का आरोप लगा था. सीएमओ ने मामले की जांच का आदेश दिया था. दो माह बीतने के बाद भी अब तक जांच पूरी नहीं हो पायी है. हैरानी की बात यह है कि इस सिलसिले में पुलिस मुख्यालय के अफसर कुछ बता ही नहीं पा रहे हैं. जबकि सीएमओ ने जांच कराने की जिम्मेदारी पुलिस मुख्यालय को ही दी थी.
19 जुलाई को नगड़ी निवासी शंभू नाथ देवधरिया ने रांची के ग्रामीण एसपी मो नौशाद आलम पर जमीन कब्जा करवाने का आरोप लगाया था. उन्होंने सीएम व डीजीपी को 19 जुलाई को लिखित शिकायत की थी. उनकी शिकायत की जांच करने के लिये सीएमओ ने पुलिस मुख्यालय को आदेश दिया था. इस आदेश के 56 दिन बीत चुके हैं. पर जांच पूरी नहीं हो पायी है.
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पढ़ें प्रवक्ता आईजी, डीजीपी ने मामले में क्या कहा
ग्रामीण एसपी पर लगे आरोपों और उसकी जांच के सिलसिले में जब हमने झारखंड पुलिस के प्रवक्ता आईजी अमोल वेणुकांत होमकर से बात की, तो उन्होंने इसे लेकर अनभिज्ञता जाहिर की. तब हमने डीजीपी नीरज सिन्हा से पूछा. उन्होंने कहा कि इससे संबंधित दस्तावेज देखने के बाद ही कुछ कह सकते है.
तब हमने आरोपों और जांच को लेकर ग्रामीण एसपी नौशाद आलम से बात की. उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि विवादित भूमि में दोनों पक्षों द्वारा दिए गए दस्तावेजों की जांच के लिए एलआरडीसी को भेजा गया है.
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जमीन कब्जा करवाने का आरोप लगाया था
नगड़ी निवासी शंभू नाथ देवधरिया ने रांची के ग्रामीण एसपी मो नौशाद आलम पर जमीन कब्जा करवाने का आरोप लगाया था. नगड़ी थाना क्षेत्र के नयासराय मुडमा के रहने वाले शंभू नाथ देवधरिया ने सीएम व डीजीपी से बीते 19 जुलाई को शिकायत की थी. शंभू नाथ देवधरिया के द्वारा कहा गया था कि हमारी नगड़ी अंचल के सपारोम मौजा में है. जिसकी संख्या 150, प्लॉट संख्या 686, रकवा 20 डिसमिल तीन लोगों के नाम पर दर्ज है. इस जमीन को लेकर भू-माफियाओं के द्वारा लगातार परेशान किया जा रहा है. हमारे पास जमीन का वैध कागजात है. जिसे नगड़ी अंचल अधिकारी और जिला अवर निबंधक द्वारा सत्यापित भी किया गया है.
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हथियार दिखाते हुए काम बंद कराने की दी धमकी
शंभू नाथ देवधरिया ने आरोप लगाया था कि 16 जुलाई को जब वह जमीन पर दीवार मरम्मती का कार्य करा रहे थे, उसी दौरान एक गाड़ी जिसपर पुलिस लिखा हुआ था. उससे कुछ लोग उतरे और हथियार दिखाते हुए काम बंद करने की धमकी दी. उसमें से एक व्यक्ति ने अपना नाम एसपी अनिल कुमार सिंह बताया. और उनके साथ दुर्व्यवहार किया. गाली देते हुए पिस्टल तान दिया. कहा कि काम बंद कीजिए. इन लोगों के साथ रामजीत प्रजापति भी था. जो नगड़ी थाना में दर्ज आईटी एक्ट के मामले में फरार आरोपी है. इन सभी घटनाओं के बाद पीड़ित लोगों के द्वारा नगरी थाना में घटना का जिक्र करते हुए लिखित आवेदन दिया गया.
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थाना प्रभारी ने ग्रामीण एसपी के आदेश का हवाला देकर काम बंद कराने को कहा
बीते 17 जुलाई को शंभू नाथ देवधरिया और अन्य लोगों के द्वारा जमीन पर निर्माण कार्य करा रहे थे. इसी दौरान नगड़ी थाना प्रभारी आकर काम रोकने का दबाव बनाने लगा. जब लोगों के द्वारा कहा कि किस आधार पर आप काम बंद कराना चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम का आदेश है. इसलिए आप लोगों को काम बंद करना ही होगा, नहीं तो मैं आप लोगों को गिरफ्तार कर लूंगा. जिसके बाद पीड़ितों के द्वारा काम बंद कर दिया गया. इसके बाद पीड़ित लोग ग्रामीण एसपी के कार्यालय पहुंचे और उनसे मिलकर अपना दस्तावेज दिखाया और कहा कि किस आधार पर हमारा काम रोका जा रहा है.
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ग्रामीण एसपी ने कहा था परेशानी में पड़ जाओगे
शंभू नाथ देवधरिया के द्वारा दिए आवेदन में कहा गया है कि ग्रामीण एसपी ने रौब दिखाते हुए कहा कि जितना बोल रहे हैं उतना ही सुनो…नहीं तो परेशानी में पड़ जाओगे. ग्रामीण एसपी के कार्यालय में पहले से ही कुछ लोग थे. जिसमें खुद को एसपी बताने वाला अनिल कुमार सिंह और फरार अभियुक्त राम जी प्रजापति सहित कुल 6 लोग उपस्थित थे. इन सभी लोगों के साथ ग्रामीण एसपी दोस्ताना व्यवहार कर रहे थे, लेकिन हम सब के साथ रौब और धमकी भरा बर्ताव कर रहे थे.
जब शंभू नाथ के द्वारा ग्रामीण एसपी को रामजीत प्रजापति के बारे में बताया गया कि वह फरार अभियुक्त है. फिर आपके सामने बैठा हुआ है. तो ग्रामीण एसपी ने धमकाते हुए कहा कि ज्यादा कानून मत बतियाओ.
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दबाव और धमकी के साथ पेपर में कराया हस्ताक्षर
शंभू नाथ देवधरिया के द्वारा दिए आवेदन में कहा गया था कि, हम लोगों ने अपनी जमीन का मूल दस्तावेज ग्रामीण एसपी को देते हुए कहा कि हमारे पास जमीन का वैध प्रमाण है. फिर आप क्यों हमारा काम रुकवा रहे हैं. इसपर उन्होंने हमारी एक नहीं सुनी. जिसके बाद उन्होंने हम सभी लोगों को धमकी और दबाव के साथ एक पेपर पर हस्ताक्षर कराया. जिसे हमें पढ़ने भी नहीं दिया गया. हम सब सीधे-साधे लोग हैं. पुलिसिया रौब से डरकर पेपर पर हस्ताक्षर कर दिया.
शंभू नाथ देवधरिया ने सीएम और डीजीपी से शिकायत करते हुए कहा कि हम लोगों ने अपनी जिंदगी की गाढ़ी कमाई लगाकर इस जमीन को खरीदा है. आज गुंडे माफिया उस जमीन को लूटने के लिए हमारे पीछे पड़ गए हैं. दुखद यह है कि गुंडे माफियाओं को रांची ग्रामीण एसपी जैसे वरीय पदाधिकारी संरक्षण दे रहे हैं, और हमें डराते धमकाते हुए जेल में डालने की धमकी देते हैं. इस मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए हमें न्याय देने की कृपा करें.
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