Ranchi : कोविड की दूसरी लहर से पूरा देश परेशान हो गया है. कुछ ही दिनों में कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. जिसे रोकथाम के लिए अधिक से अधिक टेस्टिंग एक मात्र उपाय था. जिले में अधिक से अधिक टेस्टिंग को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन ने शहरी क्षेत्र में विशेष स्टैटिक सेंटर्स बनवाया था. इन सेंटर्स पर प्रशासन और सिवल सर्जन ऑफिस ने लगभग 4-4 लोगों की मेडिकल टीम नियुक्त की थी. जिसका परिणाम यह हुआ कि टेस्टिंग में बढ़ोतरी हुई. जिससे संक्रमितों की पहचान हुई और कोविड को काबू में लाया जा सका. लेकिन महामारी के समय काम कर रहे लोगों को अब तक पेमेंट ही नहीं किया गया है. लगभग 3 माह से किसी को वेतन नहीं मिला है. और अब आने वाला बुधवार को सभी का कॉन्ट्रैक्ट भी खत्म हो जायेगा.
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3 माह के कॉन्ट्रैक्ट में डेढ़ महीने बाद मिला ज्वाइनिंग लेटर
ऑउट सोर्सिंग कंपनियों द्वारा टेस्टिंग के लिए उपलब्ध कराई गई. टीम में डेटा ऑपरेटर (डीओ), एएनएम और वेरिफायर (वीएलई) है. दूसरे लहर के पीक में बतौर फ्रंट लाइन वर्कर की तरह सेवा देने के बाद भी टीम के कई सदस्यों का पिछले तीन महिने से पेंमेंट नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि आपातकाल स्थिती में उनकी नियुक्ति की गई थी. ड्युटी के डेढ़ महिने बाद काफी हंगामा करने पर उन्हें ज्वाइनिंग लेटर दिया गया था. तीन महिने के कॉन्ट्रैक्ट का बुधवार (07.07.2021) को अंतिम दिन है, पर एक महिने का भी पेंमेंट नहीं किया गया है.
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पुराने टीम का पेंमेंट नहीं, लगभग 100 अन्य लोगों को किया गया नियुक्त
इसमें लगभग 26 लोग मुख्य रूप से प्रभावित है. ये सभी वीएलई का काम करते है. एंटीजेन के लिए डेटा एंट्री और मैजेस भेजने का काम करते है. रेलवे स्टेशनों, बस स्टेंड और एयरपोर्ट पर टीम बढ़ाने से इसके तहत लगभग 100 अन्य लोगों की नियुक्ति की गई है. जून में नियुक्त इस टीम को भी फिलहाल ज्वाइनिंग लेटर नहीं दिया गया है. पेंमेंट और ज्वाइनिंग लेटर के लिए इन सभी ने सिविल सर्जन को दो दिनों का समय दिया है. ऐसे नहीं करने पर इन्होंने नौकरी छोड़ने की बात कही है.
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रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और बस स्टैंड में किया गया शिफ्ट
फिलहाल कोरोने का कहर कम होने पर स्टैटिक सेंटरों में काफी कम लोग जांच कराने पहुंच रहे थे. इसे देखते हुए दो हफ्ते पहले शहरी क्षेत्र में बनाए गए अधिकांश सेंटरों को बंद कर दिया गया. इन सेंटरों की टीम को रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड और एयरपोर्ट पर नियुक्त किया गया है. ताकि बाहर से आने वालों लोगों को उचित जांच व्यवस्था दी जा सके और संक्रमण को एक बार फिर बेकाबू होने से रोका जा सके. रेलवे स्टेशनों पर टेस्टिंग बढ़ाने के लिए प्रशासन ने तीन शिफ्ट में टीम की नियुक्ति कराई है. दो शिफ्टों में लगभग 12-15 मेडिकल टीम है. वहीं एक में 5-7.