Ranchi : चतरा जिला प्रशासन ने मनरेगा का काम देखने के लिए कांट्रैक्ट पर नियुक्त सहायक अभियंता आनंद पांडे को जिला परिषद में सहायक अभियंता के पद पर प्रतिनियुक्त किया है. ऐसा करना सरकारी नियम- कानून का उल्लंघन है. सरकार का स्पष्ट आदेश है कि मनरेगा के किसी भी कर्मचारी को मनरेगा के कार्य के अलावा अतिरिक्त किसी काम में न लगाया जाये. यह आदेश ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव सुनील कुमार वर्णवाल के हस्ताक्षर से जारी हुआ था.
डीसी ने कहा- जिला परिषद डीडीसी देखते हैं
कांट्रैक्ट पर नियुक्त इंजीनियर को जिला परिषद में प्रतिनियुक्ति पर जब सवाल उठने लगे हैं, तब चतरा के डीसी ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया है कि जिला परिषद डीडीसी देखते हैं. वही बता सकते हैं. डीडीसी ने कोई जवाब नहीं दिया है. तो क्या यह मान लिया जाये कि चतरा जिला परिषद में बिना डीसी की अनुमति के बाहर के अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति की गयी. वह भी कांट्रैक्ट पर नियुक्त अभियंता को.
क्या डीसी और डीडीसी को अंधेरे में रखा गया
इतना ही नहीं अभियंता आनंद पांडे पूर्व में एंटी करप्शन ब्यूरो की गिरफ्त में भी आ चुके हैं. ऐसे में सवाल यह उठने लगा है कि क्या डीसी और डीडीसी को अंधेरे में रखा गया. एक सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर तमाम सरकारी आदेशों और आनंद पांडे के पूर्व इतिहास को नजरअंदाज करके जिला परिषद में प्रतिनियुक्ति की वजह क्या हो सकती है.
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