LagatarDesk : शेयर मार्केट (Share Market) के इन्वेस्टर्स (Investors) के बुरे दिन खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं. दुनियाभर के शेयर बाजारों का भी यही हाल है. घरेलू शेयर बाजार की बात करें तो बीते 1 महीने में सेंसेक्स 5,500 अंक टूट चुका है. वहीं निफ्टी करीब 10 फीसदी गिरा है. घरेलू बाजार पिछले 8 सेशन से हर रोज गिर रहे हैं. बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप (Market Cap) 12 मई को 241.13 लाख करोड़ रुपये रह गया. यह 29 अप्रैल को 266.97 करोड़ था. इस तरह महज आठ दिनों में शेयर मार्केट के इन्वेस्टर्स को करीब 26 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया. रिकॉर्ड महंगाई (Inflation) के कारण ब्याज दर में बढ़ोतरी की गयी. जिसकी वजह से बिकवाली तेज हो चुकी है. (बिजनेस की अन्य खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
गुरुवार को निवेशकों ने गंवाये 5 लाख करोड़
गुरुवार के कारोबार में बीएसई (BSE) सेंसेक्स (Sensex) और एनएसई (NSE) निफ्टी (Nifty) दोनों 2-2 फीसदी से ज्यादा टूट गये हैं. कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय करीब 1,400 अंक तक गिर गया. कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 1,158.08 अंक (2.14 फीसदी) के नुकसान के साथ 52,930.31 के लेवल पर बंद हुआ था. इसी तरह निफ्टी 359.10 अंक (2.22 फीसदी) की गिरावट के साथ 15,808 के स्तर पर समाप्त हुआ था. जिसकी वजह से एक झटके में इन्वेस्टर्स ने 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा गंवा दिये.
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इन कारणों से शेयर बाजार में आ रही बिकवाली
विदेशी निवेशक बाजार से निकाल रहे पैसे
फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स पिछले कुछ महीनों से भारतीय बाजार में बिकवाली कर रहे हैं. शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को एफपीआई ने 3,609.35 करोड़ की बिकवाली की. इस तरह मई महीने में एफपीआई ने अब तक 17,403 करोड़ भारतीय बाजार से निकाल चुके हैं. 2022 की बात करें तो अब तक एफपीआई ने 1,44,565 करोड़ की बिकवाली की हैं.
खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसदी के रिकॉर्ड स्तर पर
अप्रैल में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) 7.79 फीसदी के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गयी है. जबकि खाद्य मुद्रास्फीति की दर 8.38 फीसदी रही. महंगाई की यह दर अपने 8 साल के उच्च स्तर पर है. इससे पहले मई 2014 में महंगाई दर 8.33 फीसदी थी. 2014 में महंगाई दर 8.33% थी. खुदरा महंगाई दर हर बार आरबीआई के अनुमान से ज्यादा रही है. इस कारण भी बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है.
अमेरिका में महंगाई के कारण निवेशकों में डर
मालूम हो कि अमेरिका ने हाल ही में महंगाई के ताजा आंकड़े जारी किये गये. आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में खुदरा महंगाई 8.3 फीसदी पर रही. महंगाई अभी भी ऊंचे स्तर पर बने रहने से इस बात की आशंका बढ़ गयी है कि फेडरल रिजर्व रेट हाइक करने में आक्रामक रवैया अपना सकता है. इस कारण इन्वेस्टर्स डरे गये है और बिकवाली कर रहे हैं.
डॉलर के मुकाबले रुपया कमोजर
अमेरिकी करेंसी डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है. अभी छह प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर का इंडेक्स बढ़कर 103.92 पर पहुंच गया है. यह 2 दशक का सबसे उच्च स्तर है. डॉलर की इस रिकॉर्ड तेजी से करेंसी मार्केट में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. डॉलर के मुकाबले रुपया भी कमजोर हो रहा है. फिलहाल 1 डॉलर भारतीय करेंसी में 77.55 रुपये के बराबर हो गया है. यह भी शेयर मार्केट के सेंटिमेंट पर बुरा असर डाल रहा है.
कमजोर ग्लोबल ट्रेंड का बाजार पर असर
अमेरिकी बाजार में भी गुरुवार को गिरावट देखने को मिली. डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 326.63 अंक यानी 1.02 फीसदी की गिरावट में रहा. एसएंडपी 500 में 1.65 फीसदी और Nasdaq Composite Index में 3.18 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. इसके बाद आज एशियाई बाजार भी नुकसान में रहे. जापान का निक्की 1.01 फीसदी गिरकर बंद हुआ. वहीं हांगकांग का हैंगसेंग 1.05 फीसदी और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.36 फीसदी के नुकसान में रहा.