Ranchi : भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि छात्रवृत्ति के फर्जीवाड़ा रोकने के लिए पूर्व की रघुवर सरकार ने ठोस कदम उठाया था. केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय से प्राप्त पत्र एवं लाभुक की सूची के आलोक में राज्य सरकार की एजेंसी झारखंड राज्य अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम ने सभी जिला स्तरीय पदाधिकारियों से लाभुक संस्थानों एवं लाभुक छात्र-छात्राओं की जांच करायी थी. इसके बाद 46000 लाभुक संस्थानों की संख्या घटकर 3100 हो गई थी. इसी प्रकार लाभुक छात्र-छात्राओं के लगभग दो लाख आवेदन में से मात्र 95000 को ही छात्रवृत्ति दी गयी. प्रतुल बुधवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे.
राजनीतिक लाभ के लिए बयानबाजी
प्रतुल ने कहा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं. प्रतुल ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री ने जांच रिपोर्ट आने के पहले ही पूरे मामले के लिए पूर्व की सरकार को दोषी ठहरा दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उपचुनाव से एक दिन पहले इस मामले के लिए पूर्व की सरकार को दोषी ठहराया, जबकि तत्कालीन सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों के साथ हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए थे.
जुलाई में ही उठाया गया था कदम
प्रतुल ने कहा कि केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव ने 5 जुलाई 2019 को राज्य सरकार को छात्रवृत्ति योजना के लाभुकों, संस्थाओं और विद्यालयों की जानकारी का सत्यापन करने का निर्देश दिया था. इस योजना का नोडल एजेंसी झारखंड राज्य अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम ने तत्काल सभी जिला कल्याण पदाधिकारी को पत्र लिखकर जानकारी लेने का निर्देश दिया. साथ ही संस्थान में कुल कक्षाओं की संख्या, अध्ययनरत छात्रों की संख्या, अल्पसंख्यक छात्रों की संख्या, संस्थान को आवंटित यूजर आईडी, पासवर्ड का उपयोग करने वाले कर्मी और प्रधानाध्यापक का नाम व मोबाइल नंबर के साथ जांच अधिकारी के स्पष्ट मंतव्य मांगा गया. इसी का नतीजा रहा कि 46000 संस्थानों में सिर्फ 3100 संस्थानों को मंजूरी दी गई थी. संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक भी उपस्थित थे.