Ranchi: दीपावली और छठ में बिहार जाने के लिए रेलवे की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. इस बार रेलवे ने दो ट्रेनें दी हैं. वहीं छठ बीतने के बाद भी बिहार से लौटने के लिए कोई सुविधा नहीं है. इससे त्योहार के दौरान आवाजाही करनेवालों की परेशानी बढ़ने की आशंका है. खबर के फैलने के बाद से नागरिकों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है. लोगों का कहना है कि स्पेशल ट्रेन दिखावा है.
बिहार के लिए केवल पटना और जयनगर के लिए केवल दो ट्रेनें दी गयी हैं. वह भी छठ शुरु होने से पहले ही खत्म हो जाएंगी.अक्टूबर से लेकर नवंबर के आखिरी दिनों तक रेलवे ने दस स्पेशल ट्रेन चला रही है. अधिकांश ट्रेनें दूसरे राज्यों के लिए हैं. ये ट्रेनें मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, हैदराबाद, संबलपुर की हैं. इस कारण भी त्योहारों के दौरान बिहार जानेवाले लोगों में नाराजगी बढ़ गयी है.
कई संगठनों ने शुरु किया विरोध
शहर के यात्री संगठनों ने इस बात को लेकर नाराजगी व्यक्त की है. झारखंड पैसेंजर एसोसिएशन के संदीप नागपाल, रेलवे उपभोक्ता सलाहकार समिति के प्रेम कटारुका, झारखंड मैथिली मंच के महासचिव जयंत झा, हरमू के पार्षद अरुण कुमार झा ने इसका विरोध किया है. मैथिली समाज के एक बड़े संगठन विद्यापति स्मारक समिति ने इसके विरोध में रांची स्टेशन और डीआरएम कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है. समिति के अध्यक्ष लेखानंद झा ने तो राज्य सरकार और रेलवे बोर्ड से बिहार जानेवाली नियमित छह ट्रेनों को चलाने की मांग की है. रांची के सांसद संजय सेठ ने समिति की मांगों से सहमत होकर रेल मंत्री पियूष गोयल को ट्वीट किया है.
शहर के लोगों ने किया विरोध
छठ और दीपावली जैसे मौकों पर बिहार की अनदेखी करना दुर्भाग्यपूर्ण है. रेलवे को पूजा से दस दिन पहले से लेकर दस दिन बाद तक स्पेशल ट्रेन चलाना चाहिए.
दीपावली से छठ तक रांची से बिहार जाने के लिए जो ट्रेनें दी गई है, उससे कोई लाभ नहीं है. छठ पूजा से पहले ही यह ट्रेन बिहार से रांची लौट आएगी.
रेलवे का परिचालन बंद होने से लोगों को परेशानी हो रही है. लेकिन यह त्योहारों का समय है. रेलवे को अभी केवल बिहार जाने के स्पेशल ट्रेनों को चलाने पर ध्यान देना चाहिए.
अभी रांची से बिहार के लिए स्पेशल ट्रेनों की जरुरत है और रेलवे अन्य राज्यों के लिए स्पेशल ट्रेनों की घोषणा कर रही है. झारखंड सरकार इस विषय पर चुप्पी साध रखी है. जो ट्रेन दी गई है वह दिखावा है.