Patna: नीतीश कुमार की गठबंधन सरकार ने बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर एक अहम निर्णय किया है. जिसको पंचायत प्रतिनिधियों के लिए झटका के तौर पर देखा जा रहा है. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कुल 18 एजेंडों पर मुहर लगी. जिसमें सबसे अहम मुद्दा पंचायती राज चुनाव को लेकर फैसला लिया गया. बिहार सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को कार्यकाल विस्तार नहीं देने का फैसला लिया है. बिहार सरकार ने पंचायती राज अधिनियम 2006 में संशोधन किया है. अधिनियम की धारा 14, 39, 66 और 92 को संशोधित किया गया है.
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पंचायतों में परामर्श समिति का होगा गठन
समय पर पंचायत चुनाव नहीं होने के कारण पंचायतों में परामर्श समिति का गठन होगा. इसके तहत बिहार में पंचायत, ग्राम कचहरी, पंचायत समिति, जिला परिषद में परामर्शी समिति का गठन किया जाएगा. दरअसल, बिहार में कोरोना महामारी के कारण पंचायत चुनाव नहीं होने के हालात बन गए हैं. ऐसी स्थिति में नीतीश सरकार ने एक तरह से कहें तो बीच रास्ता निकाला है. सरकार के निर्ण के मुताबिक पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल विस्तार तो नहीं होगा, लेकिन माना जा रहा है कि राज्य में विकास का काम बाधित न हो इसके लिए सरकार बीच का रास्ता निकालेगी.
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पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा
बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण बिहार में पंचायत चुनाव समय से नहीं कराया जा सकता है. जिसके कारण बिहार कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि पंचायतों में परामर्शी समिति की नियुक्ति होगी. ग्राम पंचायत का चुनाव कराना संभव नहीं होने की स्थिति में ग्राम पंचायत भंग हो जाएगी. ग्राम पंचायत का विकास कार्य परामर्श समिति द्वारा किया जाएगा. बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि संविधान में है कि 5 साल से अधिक पंचायतों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जा सकता है. ऐसे में बिहार कैबिनेट ने परामर्शी समिति बनाने का निर्णय लिया है.
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पंचायतों के लिए प्रशासकों की नियुक्ति नहीं
अब इस प्रस्ताव को राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. समिति में कौन-कौन लोग होंगे इस पर बाद में निर्णय होगा. उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि पंचायतों के लिए प्रशासक नियुक्त नहीं किया जाएगा. लेकिन ये भी माना जा रहा है कि परामर्श समिति में अफसर और वर्त्तमान पंचायत प्रतिनिधियों को शामिल किया जायेगा. आपको बता दें कि बिहार में वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है.
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