New Delhi : कोविड 19 को लेकर मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि दुनिया के अन्य देशों के हालात देखकर हमें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में कोरोना केस बढ़े हैं.
लड़ते भी रहेंगे और रास्ते भी निकालते रहेंगे
बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए भी बैठक में चर्चा हुई है. अस्पतालों में सभी जरूरी उपकरणों की मौजूदगी सुनिश्चित की जानी चाहिए. अगर कहीं कोई कमी है तो टॉप लेवल पर उसे दूर करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हम कोरोना के खिलाफ लड़ते भी रहेंगे और रास्ते भी निकालते रहेंगे.
Despite managing the COVID crisis well as compared to other countries, we can see cases’ uptick in states now. We have to stay alert. It’s clear that the COVID challenge has yet not been surpassed: PM Modi after interacting with state CMs on the COVID-19 situation in the country pic.twitter.com/iYLYcjc97p
— ANI (@ANI) April 27, 2022
लड़ाई में राज्यों की भूमिका अहम
बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. और इससे लड़ने के लिए वैक्सीन ही सबसे बड़ा कवच है. उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राज्यों की भूमिका अहम है.
बढ़ते कोरोना केस पर जताई चिंता
इसके पहले उन्होंने कहा- मैं सभी कोरोना वॉरियर्स की प्रशंसा करता हूं, जिस तरह उन्होंने अब तक अपना काम किया है. कुछ राज्यों में कोरोना के केस बढ़ते रहे हैं, लेकिन कोरोना की चुनौती टली नहीं है. इसकी गंभीर हालत हो सकती है. ये यूरोप में देख रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में कई देशों में केस सामने आए हैं. हमने हालात को नियंत्रण में रखा है. पिछले दो हफ्तों में केस बढ़ने से यह समझ आया है कि हमें अलर्ट रहना है. हमारे पास कुछ महीने पहले जो लहर आई, उससे हमने बहुत कुछ सीखा. सभी ओमिक्रॉन से सफलता से निपटे, मुकाबला किया. दो साल के भीतर देश ने हेल्थ इंफ्रस्ट्रक्चर से लेकर ऑक्सीजन तक पर काम किया.
वैक्सीनेशन ने तीसरी लहर से बचाया
तीसरी लहर में हालात नहीं बिगड़े. इससे वैक्सीनेशन को मदद मिली. हर राज्य में वैक्सीन जन जन तक पहुंची. हर भारतीय के लिए गौरव की बात है कि 96 प्रतिशत आबादी को पहली डोज, 15 साल से ऊपर 85 प्रतिशत को दूसरी डोज लग चुकी है. आप समझते हैं कि वैक्सीन ही सबसे बड़ा कवच है. देश में लंबे समय बाद स्कूल खुले हैं. ऐसे में केस बढ़ने से चिंता बढ़ रही है. मार्च में हमने 12 से 14 के लिए, कल 6 से 12 के लिए कोवैक्सिन की परमिशन मिल गई है.
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बच्चों का जल्द से जल्द टीकाकरण हमारी प्राथमिकता
सभी एलिजिबल बच्चों का जल्द से जल्द टीकाकरण हमारी प्राथमिकता है. पहले की तरह स्कूलों में विशेष अभियान चलाने की जरूरत होगी. टीचर्स-पेरेंट्स और बाकी एलिजिबल लोग भी प्रिकॉशन डोज ले सकते हैं. उन्हें हमें जागरूक करते रहना होगा. तीसरी लहर के दौरान हमने हर दिन तीन लाख से ज्यादा केस देखे. हमने इसे हैंडल किया. यही बैलेंस हमारी आगे की स्ट्रैटेजी का हिस्सा होना चाहिए. इन्फेक्शंस को शुरुआत में ही रोकना है. हमारी प्राथमिकता पहले भी यही थी और अभी भी यही है.
केंद्र राज्य मिलकर काम करते रहें
अस्पतालों में भर्ती मरीजों में जो गंभीर इंफ्लूएंजा के मरीज हैं. उनका शत प्रतिशत RT-PCR टेस्ट हों. पॉजिटिव आने पर उसके सैम्पल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजिए. यह भी सुनिश्चित करें कि पब्लिक में पैनिक न फैले. हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के अपडेट का काम तेजी से चलते रहना चाहिए. सभी सुविधाएं फंक्शनल रहें. यह भी तय करना होगा. जिम्मेदारियां तय की जाएं, ताकि जरूरत पड़ने पर संकट न आए. केंद राज्यों के साझा प्रयास से ही देश में बड़े स्तर पर हेल्थ सेक्टर में सुधार हो पाया है.
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