Dr. santosh manav
झारखंड के श्रीमान सच के श्रीमुख से जो कुछ निकला है, वह अखबारों की सुर्खी बनी है. कितना सच? यह हम बताएंगे. पहले जान लीजिए श्रीमान सच को. जमशेदपुर पूर्वी से पांच बार के विधायक रघुवर दास छठवीं बार अपनी ही पार्टी के विधायक-मंत्री सरयू राय से पराजित होकर मुख्यमंत्री रहते परास्त होने वाले मुख्यमंत्रियों की सूची में स्थान बना चुके हैं. विश्लेषकों ने कहा है कि अपने अहंकार से वशीभूत होकर सरयू राय से अगर श्रीमान सच न भिड़ते, सुदेश महतो की जेबी पार्टी से गठबंधन कर लेते, तो संभव है आज भी बीजेपी सत्ता में होती. अब सुनिए कि श्रीमान सच ने क्या कहा है? उन्होंने कहा है कि हेमंत सोरेन कार्यशील नहीं हैं, विफल हैं. इसलिए स्टीफन मरांडी, नलिन सोरेन, लोबिन हेम्ब्रम आगे आकर हेमंत को हटाएं. किसी अनुभवी को मुख्यमंत्री बनाएं. सोरेन परिवार से बनाना हो, तो सीता सोरेन या बसंत सोरेन को बनाएं. श्रीमान सच ने कहा है कि आदिवासियों पर अत्याचार बढ़े हैं. नौकरशाही हावी है आदि-आदि. अब आइए, राज्य की गठबंधन सरकार के 20-21 माह के कार्यकाल पर. यह सरकार बीजेपी के कोर वोटरों के प्रति कटु है. हां, सच है कि ब्यूरोक्रेसी हावी है. भ्रष्टाचार कम नहीं हुए. अफसरों-बाबुओं का लूटराज कायम है. सरकार रोजगार नहीं दे पा रही. हत्या का दौर जारी है. लेकिन, हेमंत सरकार का पूर्ण मूल्यांकन अभी होना है और मूल्यांकन से पूर्व रघुवर राज को भी याद करना होगा. सही मूल्यांकन के लिए यह आवश्यक होगा. यह भी सामने आएगा कि श्रीमान सच, कितने सच्चे हैं. इसलिए 12 मुद्दों पर दोनों के राज की तुलना करते हैं.
केस एक: बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रघुवर राज में भूख से 22 मौत हुई. हालांकि झामुमो का दावा 65 मौत का है. मैंने हेमंत सरकार में अब तक भूख से मौत की खबर नहीं न पढ़ी न सुनी. किसी ने सुनी हो, तो बताए. अब खुद से पूछिए -श्रीमान सच, कितने सच्चे?
केस दो: डायन बिसाही झारखंड का कलंक है. प्रतिष्ठित पत्रिका आऊटलुक के अनुसार, रघुवर
राज में 217 डायन हत्या हुई. इस मामले में हेमंत सरकार का रिकॉर्ड भी अच्छा नहीं है. 2020 में डायन के नाम पर बीस हत्या हुई. 2021 का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. लेकिन हत्याएं लगातार… हो रही हैं. 25 सितंबर को गुमला में तीन की हत्या की खबर है.
केस तीन : महिलाओं पर ज्यादती के मामले में झारखंड की स्थिति अच्छी नहीं रही है. दि प्रिंट के अनुसार, रघुवर राज यानी 2014 से 2019 के बीच झारखंड में ज्यादती के 7145 मामले दर्ज हुए. हेमंत राज में भी ज्यादती जारी है. दैनिक भास्कर की खबर कहती है कि हेमंत सरकार के शुरूआती पांच माह यानी जनवरी 2020 से मई 2020 के बीच ज्यादती के 716 मामले दर्ज हुए.
केस चार : श्रीमान सच के कार्यकाल में मॉब लीचिंग के कम से कम 11 मामले सामने आए. सरकार की बदनामी हुई. दि प्रिंट की एक खबर के अनुसार, हेमंत सोरेन के लगभग बीस माह के कार्यकाल में मॉब लींचिंग में पांच लोग मारे गए.
केस पांच: श्रीमान सच के राज में नक्सली हिंसा में कम से कम 46 पुलिसकर्मी मारे गए. हेमंत राज में भी नक्सली हिंसा जारी है. पर रफ्तार कम है.
केस छह : नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी NCRB के अनुसार 2019 यानी श्रीमान सच के राज में फिरौती के लिए अपहरण के 65 मामले सामने आए. 2019 में इस मामले में झारखंड सबसे आगे था. अभी वह स्थिति नहीं है.
केस सात: रघुवर राज में कंबल घोटाला, डस्टबीन घोटाला, अलकतरा घोटाला की गूंज रही. सरयू राय टी शर्ट घोटाला सामने ले आए हैं. हेमंत राज में संगठित घोटाले की कहानी कम से कम सामने नहीं आई है.
केस आठ: दैनिक हिंदुस्तान की एक खबर कहती है कि रघुवर सरकार को रंजन सरकार कहा जाता था. हर सरकारी ठेका-पट्टा पर रामकृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन के रंजन सिंह का हक था. बिहार के बेगूसराय जिले के रामदिरी गांव के रंजन सिंह का रांची में रामदिरी निवास है, जहां NIA का छापा पड़ चुका है. हेमंत सरकार पर इस तरह का आरोप अब तक नहीं लगा है.
केस नौ: NCRB के अनुसार 2019 में महिला घरेलू हिंसा के मामले में झारखंड का स्थान तीसरा था. उस साल 73 मामले सामने आए थे. अभी वह स्थिति नहीं है.
केस दस: पांच साल के श्रीमान सच के शासनकाल में JPSC के एक्जाम नहीं हुए. हेमंत सरकार ने एक्जाम करवाए.
केस ग्यारह: रघुवर राज में दस हजार सरकारी स्कूल बंद हुए. वे सरकारी स्कूल, जहां गरीबों के बच्चे पढ़ते हैं. हेमंत राज में अब तक सरकारी स्कूल बंद होने की सूचना नहीं है. हालांकि हाल वही है.
केस बारह: श्रीमान सच कहते थे कि वे चौबीस घंटे बिजली देंगे. नहीं दे पाए. औसतन 8-10 घंटे बिजली मिली. हेमंत राज में स्थिति उससे बेहतर है. पानी, रोजगार के मामले में स्थिति समान कही जा सकती है.
निष्कर्ष : हेमंत राज, श्रीमान सच के राज से बीस नहीं, तो उन्नीस भी नहीं है. अगर हेमंत विफल हैं, तो रघुवर कहां सफल थे. अब बोलिए, श्रीमान सच?