New Delhi : भारत बायोटेक ने सोमवार को घोषणा की कि उसकी कोविड-19 इंट्रानैसल वैक्सीन ‘इनकोवैक’ (बीबीवी154) को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी गई है. यह दुनिया की पहली कोरोना नेजल वैक्सीन है, जो किसी भी वैक्सीन की बूस्टर हो सकती है. अगर आपने कोई भी वैक्सीन लगवाई हो तो भी आप बूस्टर डोज के तौर पर इसे लगवा सकते हैं. संगठन के द्वारा 18 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए इसे बूस्टर खुराक के रूप में इसके इस्तेमाल की अनुमति दी है.
यह वैक्सीन भी दो डोज में दी जाएगी
यह वैक्सीन भी दो डोज में ही दी जाएगी. दोनों डोज 28 दिन के अंतर पर दी जाएंगी. वैक्सीन निर्माता कंपनी की ओर से कहा गया, इनोवैक दुनिया की पहला इंट्रानैसल वैक्सीन है, जिसे प्राइमरी सीरीज और हेटेरोलॉगस बूस्टर दोनों तरह की मंजूरी मिली है. भारत बायोटेक ने कहा कि नेजल डिलीवरी सिस्टम को इस तरह से डिजाइन और विकसित किया गया है, जो कम और मध्यम आय वाले देशों में लागत प्रभावी हो. भारत बायोटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर कृष्णा एल्ला ने कहा, कोविड टीकों की मांग में कमी के बावजूद हमने यह सुनिश्चित करने के लिए इंट्रानैसल टीकों का प्रोडक्शन जारी रखा है, ताकि हम भविष्य में संक्रामक रोगों के लिए अच्छी तरह से तैयार रह सकें.
31 लोगों पर किया गया वैक्सीन का ट्रायल
प्राइमरी वैक्सीन के तौर पर मंजूरी मिलने से पहले इस वैक्सीन को 31 लोगों में ट्रायल किया गया था. यह ट्रायल भारत में 14 जगहों पर हुआ था. इसी तरह बूस्टर डोज के तौर पर इसकी कार्यक्षमता देखने के लिए 875 लोगों में इसका ट्रायल हुआ और यह ट्रायल 9 जगहों पर किया गया था. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.01 प्रतिशत है, जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की राष्ट्रीय दर बढ़कर 98.80 फीसदी हो गई है.
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