Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) स्वच्छता सर्वेक्षण की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. केंद्र सरकार की टीम मार्च में कभी भी धनबाद पहुंच सकती है. 2023 में होंने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण की थीम कचरे से समृद्धि है. ऐसे में थ्री आर यानी रिसाइकल, रियूज व रिडयूस के सिद्धांत पर काम करते हुए कचरे से शहर की समृद्धि पर फोकस करना ही इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य है. लेकिन निगम की तैयारी सिर्फ कचरा उठाव तक ही सीमित है. कचरा प्रोसेसिंग प्लांट निर्माण अभी तक पूरा नहीं हो सका है और ना ही बिल्डिंग वेस्ट मैटेरियल के प्लांट के लिये जमीन की तलाश पूरी हुई है. जाहिर है, इस बार भी धनबाद का पिछड़ना तय है.
9500 अंकों का होना है सर्वेक्षण
केंद्र सरकार ने पिछले साल सर्वेक्षण के लिये कुल 7500 अंक रखे थे. इस बार बढ़ा कर कुल अंक 9500 कर दिया गया है. सर्वेक्षण का काम चार चरणों में पूरा होगा. थीम के अनुरूप ही इस बार 48 प्रतिशत अंक यानी 4525 अंक अकेले सर्विस लेवल प्रोग्रेस यानी कूड़े को लेकर सेग्रीगेशन, प्रोसेसिंग व डिस्पोजल पर आधारित रहेंगे. 26 प्रतिशत यानी 2500 अंक सर्टिफिकेशन के होंगे और 26 प्रतिशत यानी 2475 अंक सिटीजन वाइस के होंगे.
सुडा की टीम कर चुकी है धनबाद का दौरा
शहरी विकास अभिकरण (सूडा) की टीम स्वछता सर्वेक्षण की तैयारियों का जायजा लेने पिछले माह धनबाद पहुंची थी. टीम ने शहर में बने पब्लिक टॉयलेट का जायजा लिया था. कई सारी खामियां भी पकड़ी थी. लेकिन टीम के जाने के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है. कहीं टॉयलेट में पानी नहीं है तो कहीं दरवाजा टूटा हुआ है. टॉयलेट की स्थिति नहीं सुधरी तो सर्वेक्षण में धनबाद का नंबर कटना तय है.
पिछले साल 2 अंक नीचे लुढ़का था धनबाद
वर्ष 2020 और 2021 के स्वच्छता सर्वेक्षण में देश के 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में धनबाद का रैंक 33 था, वहीं वर्ष 2022 में 35 वां रैंक मिला था. इसके बाद भी सफाई के काम में कोई बदलाव नहीं आया. पिछले एक साल में कचरे के निपटारे के नाम पर सिर्फ घोषणाएं हुई हैं.
डोर टू डोर कचरा उठाव पर विशेष फोकस
धनबाद नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी मो. अनीस का कहना है कि स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर डोर टू डोर कचरा उठाव पर इस बार विशेष फोकस किया जा रहा है. साथ ही गारबेज प्लांट और सीएनडी प्लांट के लिये जमीन देखी गई है, अभी प्लांट का निर्माण नहीं हुआ है. सर्वेक्षण टीम के मार्च में आने की उम्मीद है.
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