Khunti: कोरोना को लेकर झारखंड का प्रसिद्ध अम्रेश्वर धाम इस बार बंद है. मंदिर परिसर को बैरिकेडिंग कर दिया गया है. इससे श्रद्धालु पेड़ के पास ही जल चढ़ा कर बाबा भोले से आशीर्वाद मांग रहे हैं. प्रशासन के आदेश पर मंदिर का पट भी बंद कर दिया गया है. इससे दर्शन भी नहीं कर पा रहे हैं.
खूंटी सिमडेगा मार्ग पर है धाम
रांची से 50 किलोमीटर दूर खूंटी सिमडेगा मार्ग पर अंगराबाड़ी गांव स्थित अम्रेश्वर धाम को लोग मिनी देवघर के रूप में भी जानते हैं. अम्रेश्वर धाम में स्थित शिव लिंग स्वयंभू हैं, जो आम के पेड़ के नीचे विराजमान हैं. इसलिये इसका नाम अम्रेश्वर धाम पड़ा. जहां शिवलिंग है वहां मंदिर नहीं बनाया गया है. बताया जाता है कि मंदिर बनाने की प्रक्रिया चल रही थी कि सपने में भोले बाबा ने पुजारी को मंदिर बनाने से मना कर दिया था. तब से लेकर अब तक शिव भगवान आम पेड़ के नीचे ही विराजमान हैं. यहां पर दर्शन के लिए राज्यभर के श्रद्धालुओं के अलावा देशभर से लोग आते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से बाबा से मांगते हैं उसकी मुराद पूरी होती है.
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पुलिस बल मौजूद
प्रतिबंध पर खूंटी सांसद सह केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के प्रतिनिधि मनोज कुमार ने प्रशासन पर सवाल खड़ा किया. कहा कि खूंटी एसडीएम द्रवारा मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की गतिविधि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना सही नहीं है. मंदिर परिसर के पास श्रद्धालुओं द्वारा पेड़ के नीचे जल चढ़ाया जा रहा है. वह भी मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की मौजूदगी में. सांसद प्रतिनिधि ने कहा कि इससे आस्था को चोट पहुंच रही है.
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