Medininagar: हरिहरगंज प्रखंड एक ऐसा पिछड़ा हुआ क्षेत्र है जहां के लोग आजादी के इतने दिनों बाद भी विकास को तरस रहे हैं. यहां स्वास्थ्य सुविधाओं की घोर कमी है. अस्पताल है तो योग्य चिकित्सक नहीं, स्कूल है तो स्थाई हेडमास्टर और अपेक्षित संख्या में योग्य शिक्षक नहीं. इसके लिए कई बार मांग भी की गई किंतु अभी तक किसी ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. जिस वजह से 30 बेड की क्षमता वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लेडीज डॉक्टर पदस्थापित नहीं रहने से महिला मरीजों को एक साथ कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
महिला मरीजों को होती है परेशानी
शहरी क्षेत्र और सूदूरवर्ती इलाकों के कई गणमान्य व्यक्तियों का कहना है कि लेडीज डॉक्टर के अभाव में महिला रोगियों को इलाज के दौरान काफी परेशानी होती है. महिला रोगी पुरुष डॉक्टर से अपनी बीमारी की सम्पूर्ण जानकारी साझा करने से कतराती हैं. इस वजह से उनके रोगों का समुचित इलाज नहीं हो पाता है. इस परिस्थिति में रोग से ग्रसित महिला मरीजों को इलाज के लिए औरंगाबाद, डेहरी, सासाराम, मेदनीनगर या अन्य जगह पर जाने की विवशता बनीं रहती है. इस हाल में उनके अभिभावकों पर एक ओर जहां आर्थिक बोझ बढ़ जाता है. वहीं दूसरी ओर उन्हें एक साथ कई मुश्किलें भी झेलने पड़ते हैं. शहरवासी निरंजन गुप्ता, पवन कुमार, छोटेलाल, रंजीत कुमार ने कहा कि विभागीय अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों की नाकारात्मक सोंच के कारण आज भी हरिहरगंज में महिला चिकित्सक की पदस्थापना नहीं होना दुर्भाग्य की बात है.उन्होंने पलामू सांसद, हुसैनाबाद हरिहरगंज के विधायक से अविलंब जनहित में लेडीज डॉक्टर की पदस्थापन कराने मांग की है.
इसे भी पढ़ें – Lagatar Exclusive : जिस अफसर ने फोर्स को जीवन दे दिया, नक्सलियों से लड़कर घायल हो गये, उनका प्रमोशन नहीं रोक सकते : HC
Leave a Reply