Surjit Singh
शायद आपको अंदाजा भी नहीं होगा. हम किस तरह बर्बाद होते जा रहे हैं. पिछले 5 सालों में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की जीडीपी में हिस्सेदारी करीब 2.5 प्रतिशत घट गयी है. यह करीब 27.5 प्रतिशत रह गयी है.हम कोरोना काल की बात नहीं कर रहे हैं. यह स्थिति कोरोना काल के कारण नहीं आया है. हम बात कर रहे हैं कोरोना के आने से पहले कि यानी वर्ष 2019 तक की. वर्ष 2014 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स की जीडीपी में हिस्सेदारी 30 प्रतिशत थी.
वर्ष 2019 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की जीडीपी में हिस्सेदारी 2.5 प्रतिशत कम होने की घटना कोई आम बात नहीं है. यह पिछले 20 साल का सबसे निचला स्तर है.देश के मैन्युफैक्चरिंग सेंक्टर की यह स्थिति तब है, जब देश में पिछले पांच सालों तक “मेक इन इंडिया” का शोर रहा है. मोदी सरकार से लेकर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री लगातार मेक इन इंडिया को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते रहे हैं. इनके द्वारा 5 सालों तक बड़े-बड़े दावे भी किये गये.
मोदी सरकार की आर्थिक नीतियां फेल
ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि क्या मोदी सरकार की आर्थिक नीतियां फेल कर गयी हैं. ये सवाल इसलिए भी उठ रहा है, क्योंकि इसी पांच साल के दौरान हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में जबरदस्त काम किया. जिसके कारण बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति आय हमारे देश से ज्यादा हो गयी है.
भारतीय अर्थव्यवस्था में आयेगी भारी गिरावट
एक तथ्य ये भी है कि भारत के लिए रिजर्व बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आयेगी. वहीं अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष तथा विश्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रमश: 10.3 और 9.6 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है. यानी भारत की इकोनॉमी के बारे में सारे अर्थशास्त्री बिल्कुल श्योर हैं कि देश भयानक मंदी की चपेट में है और आर्थिक बर्बादी के रास्ते पर चल पड़ा है.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर क्या है
उद्योगों में कच्चे माल को तैयार माल में बदला जाता है. जिसमें मशीनों, औजारों और श्रम का उपयोग करके फिनिस्ड प्रोडक्ट तैयार किया जाता है, जिसे मैन्युफैक्चरिंग कहते हैं. वहीं कच्चे माल को तैयार माल बनाने की प्रक्रिया को मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस कहते हैं.
इस माल का निर्माण बाजार में बेचने के लिए या खुद के प्रयोग के लिए भी किया जाता है. मैन्युफैक्चरिंग के अन्तर्गत हस्तकला से लेकर उच्च तकनीकी आती है. हस्तकला के अंतर्गत कंपनियां कच्चे माल को हाथ से बनाये गये या बुने गये प्रोडक्स तैयार करती हैं. वहीं उच्च तकनीकी के अंतर्गत वैसे प्रोडक्ड आते हैं, जिसे बड़ी मशीनें,औजार और श्रमिकों के द्वारा निर्मित किया जाता है.