NewDelhi : खबर है कि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की एक पीठ गठित की है. यह पीठ वैवाहिक विवादों से जुड़ी याचिकाओं और केस ट्रांसफर से जुड़े मामलों की सुनवाई करेगी. बता दें कि SC के इतिहास में तीसरी बार ऐसा होगा, जब एक महिला बेंच सुनवाई करेगी. जानकारी के अनुसार जस्टिस कोहली और त्रिवेदी की पीठ के पास 32 मामले सूचीबद्ध हैं, जिनमें वैवाहिक विवादों से जुड़ी 10 ट्रांसफर याचिकाएं और जमानत से जुड़े 10 मामले शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट के इतिहास पर नजर डालें तो यहां पहली बार 2013 में महिला बेंच बनी थी. उस समय जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा और रंजना प्रकाश देसाई पीठ में थीं. 2018 में दूसरी बार जस्टिस आर भानुमति और इंदिरा बनर्जी की एक बेंच बनी थी.
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जस्टिस बीवी नागरत्ना 2027 में 36 दिनों के लिए चीफ जस्टिस बनेंगी
जान लें कि वर्तमान समय में सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ तीन महिला जज हैं. इनमें जस्टिस कोहली, जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस त्रिवेदी हैं. जस्टिस बीवी नागरत्ना 2027 में 36 दिनों के लिए चीफ जस्टिस बनेंगी. सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल 27 जज हैं, जबकि इसकी क्षमता 34 जजों की है. 2020 में मद्रास हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अमरेश्वर प्रताप साही ने पहली बार पूर्णकालीन महिला पीठ का गठन किया था, जिसमें तीनों जज महिलाएं थीं.
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सुप्रीम कोर्ट में 1989 में पहली महिला न्यायाधीश एम फातिमा बीवी की नियुक्ति हुई थी
सुप्रीम कोर्ट में 1989 में पहली महिला न्यायाधीश एम फातिमा बीवी की नियुक्ति हुई थी. उनके बाद जस्टिस सुजाता मनोहर, रूमा पाल, ज्ञान सुधा मिश्रा, रंजना प्रकाश देसाई, आर भानुमति, इंदु मल्होत्रा, इंदिरा बनर्जी, कोहली, नागरत्न और त्रिवेदी SC में आयीं. तीन को एक ही दिन 2 सितंबर, 2021 को भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के कार्यकाल के दौरान शपथ दिलाई गयी थी.
उस समय जस्टिस बनर्जी सहित महिला न्यायाधीशों की संख्या चार पर पहुंच गयी थी. जस्टिस बनर्जी इसी साल 23 सितंबर को रिटायर हो गयी हैं. जस्टिस कोहली की बात करें तो सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति से पहले वे तेलंगाना हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश थीं. जस्टिस त्रिवेदी सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति से पहले गुजरात हाईकोर्ट की जज थीं.