Kolkata : केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच कई मुद्दों पर ठन गयी है. पंजाब की तरह बंगाल सरकार भी अंतरराष्ट्रीय सीमा के अंदर बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 50 किलोमीटर तक बढ़ाने के केंद्र की मोदी सरकार के फैसले का विरोध कर रही है. जान लें कि बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने आज विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया. लेकिन प्रस्ताव पेश होते ही भाजपा ने हंगामा करते हुए विरोध शुरू कर दिया. इस क्रम में भाजपा नेताओं ने विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए नारे लगाये.
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पश्चिम बंगालआतंकियों का हब बन गया है
इस मामले में भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि प्रस्ताव लाने का मतलब क्या है. कहा कि पश्चिम बंगाल, आतंकियों का हब बन गया है. राज्य सरकार 631 किलोमीटर लंबे सीमा क्षेत्र में बाड़ लगाने के लिए जमीन तक नहीं दे रही है. पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हो रही आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सख्त कदम उठाते हुए बॉर्डर के भीतर पचास किलोमीटर तक के क्षेत्र में बीएसएफ को गिरफ्तारी, तलाशी व जब्ती की शक्ति प्रदान की है. इस फैसले का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विरोध कर रही हैं.
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उद्यान गुहा ने बीएसएफ को लेकर एक अभद्र टिप्पणी की
जान लें कि इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान टीएमसी के उद्यान गुहा ने बीएसएफ को लेकर एक अभद्र टिप्पणी की. इस पर बवाल मच गया. उन्होंने आरोप लगाया कि जब महिलाएं सीमा पार करती हैं, तो बीएसएफ के जवान तलाशी के नाम पर उन्हें गलत तरीके से छूते हैं. वो कितना भी भारत माता की जय बोल लें, वह देशभक्त नहीं हो सकते.
ममता बनर्जी इससे पहले केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर एक पत्र भी लिख चुकी हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अगले सप्ताह दिल्ली दौरे पर रहेंगी. खबर है कि दिल्ली में ममता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकती है. सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ममता बनर्जी 22 नवंबर को दिल्ली आ रही है. 25 नवंबर तक वह अलग-अलग नेताओं से मुलाकात करेंगी.
पंजाब विधानसभा में भी इसके खिलाफ लाया चुका है प्रस्ताव
बता दें कि पिछले दिनों जारी नयी अधिसूचना में बीएसएफ को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), पासपोर्ट अधिनियम (भारत में प्रवेश) के तहत यह कार्रवाई करने का अधिकार मिला है. अब सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ के जवान पंजाब, असम व पश्चिम बंगाल में 50 किलोमीटर क्षेत्र तक तलाशी, छापेमारी और गिरफ्तारी कर सकते हैं
गुजरात में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 80 किमी से घटाकर 50 किमी किया गया है. राजस्थान में यह पूर्व से ही 50 किमी है. विपक्षी दलों के अलावा पंजाब सरकार ने केंद्र के इस फैसले का कड़ा विरोध किया था. बता दें कि पंजाब विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव लाया चुका है.