Ranchi : देशव्यापी हड़ताल के मद्देनजर ट्रेड यूनियनों ने 26 नवंबर को राज्यभर में काम ठप करने, एक दिवसीय हड़ताल पर रहने की रणनीति बनाई है. ट्रेड यूनियनों के बैनर तले राज्यभर में करीब डेढ लाख स्थायी व अस्थायी कर्मी हड़ताल में शामिल होंगे. इसमें पीएसयू और बैंक कर्मी भी शामिल हैं.
एक दिवसीय हड़ताल को सफल बनाने के लिए एटक, सीटू और हिंद मजदूर सभा समेत सात ट्रेड यूनियनों ने साझा मोर्चा बनाया है. वाम दल भी इस हड़ताल को समर्थन का ऐलान कर चुके हैं. कोयला, लोहा और बॉक्साइट के खदानों से होने वाली खनिजों की ढुलाई रोकने के लिए व्यापक रणनीति बनाई गई है.
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इस आंदोलन में सीसीएल, बीसीसीएल, एचईसी, मेकॉन सहित अन्य पीएसयू कर्मी विभिन्न श्रमिक संगठन के बैनर तले शामिल होंगे. वही लंच के समय झारखंड अराजपत्रि कर्मचारी संघ ने भी काम नहीं करने का आह्वान किया है. इसकी जानकारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ज्ञापन सौंप कर दे दिया है.
बंद रहेंगे बैंक, 10 हजार कर्मी नहीं जाएंगे हड़ताल पर
झारखंड के बैंककर्मी भी हड़ताल में शामिल होंगे. सेंट्रल ट्रेड यूनियन के आह्वान पर स्टेट बैंक के अलावा सभी व्यावसायिक बैंक और ग्रामीण बैंक बंद रहेंगे. ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी ने बताया कि ऑल इंडिया बैंक इम्पलॉइज एसोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर एसोसिएशन और यूनाइटेड फोरम ऑफ ग्रामीण बैंक यूनियन ने बैंक प्रबंधन एवं सरकार को हड़ताल की नोटिस दे दी है.
बैंक के निजीकरण सहित कई मांग बैंक कर्मियों ने रखा
सेंट्रल ट्रेड यूनियन की सामान्य मांगों के अतिरिक्त बैंक यूनियनों ने सार्वजनिकि क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने, बैंकों में जमा राशि पर ब्याज बढ़ाने, कारपोरेट घरानों से एनपीए ऋण की वसूली के लिए सख्त कार्रवाई करने, अस्थायी कर्मियों का नियमितीकरण, आउटसोर्सिंग पर प्रतिबंध, 31 मार्च 2010 के बाद योगदान करने वाले बैंक कर्मियों के लिए एनपीएस के बजाय पुरानी पेंशन योजना का कार्यान्वयन और ग्रामीण बैंकों में प्रायोजक व्यावसायिक बैंकों के साथ ही 11वें द्विपक्षीय वेतन समझौता 1 नवंबर 2017 के प्रभाव से पूर्णतः लागू करने संबंधी 10 सूत्री मांगों को लेकर बैंक कर्मी 26 नवंबर को देशभर में हड़ताल करेंगे. इसमें झारखंड के 10 हजार बैंककर्मी भी शामिल होंगे.
देशभर में 25 नवंबर को निकलेगा मशाल जुलूस
26 नवंबर को प्रस्तावित हड़ताल की पूर्व संध्या पर ट्रेड यूनियनों की ओर से मशाल जुलूस का आयोजन किया गया है. यह मशाल जुलूस सैनिक मार्केट से निकलकर शहीद चौक तक जाएगा. वहां यह जुलूस सभा में तब्दील हो जाएगा. वहां ट्रेड यूनियन नेता आम लोगों से हड़ताल के समर्थन की अपील करेंगे. 26 नवंबर को हड़ताल के दिन भी रांची के हड़ताल समर्थक कर्मचारी अपने कार्यालयों और प्रतिष्ठानों को बंद कराने के बाद अलबर्ट एक्का चौक पर सभा करेंगे.
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राजभवन के समक्ष 27 नवंबर को करेंगे प्रदर्शन
भाकपा के कार्यालय सचिव अजय ने बताया कि कृषि कानूनों में संशोधन के खिलाफ किसान राजभवन पर प्रदर्शन करेंगे. इसके लिए भी व्यापक तैयारी की गई है. किसानों के बीच कानूनों में संशोधन से होने वाले खतरे से भी अवगत कराया जा रहा है.
संगठनों ने केंद्र सरकार के समक्ष कई मांगें रखी
मजदूर विरोधी श्रम कोड, किसान और कृषि विरोधी अधिनियम वापस लेने, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, कल कारखानों, रेलवे और रक्षा क्षेत्र के निजीकरण का निर्णय वापस लेने, रोजगार, वेतन, सामाजिक सुरक्षा और सभी के लिए पेंशन की गारंटी करने, सभी के लिए भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा और आय का प्रबंध सुनिश्चित करने के साथ कोरोना से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए आयकर के दायरे से बाहर सभी मेहनतकशों के खाते मे अगले छह माह तक 7500 रुपए ट्रांसफर करने और प्रत्येक व्यक्ति को हर महीने 10 किलो अनाज दिए जाने की मांग की है.