Mahuwa (Gujrat) : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा से विराम लेकर सोमवार को गुजरात दौरे पर आए. अपनी पार्टी के समर्थन में सूरत जिले के महुवा में आदिवासियों की एक सभा को संबोधित किया. कहा, वे आपको वनवासी कहते हैं. वे यह नहीं कहते कि आप भारत के पहले व असली मालिक हैं, बल्कि यह कहते हैं कि आप जंगल में रहते हैं. आपको फर्क दिखता है? इसका मतलब है कि वे नहीं चाहते कि आप शहरों में रहें, वे नहीं चाहते कि आपके बच्चे इंजीनियर बनें, डॉक्टर बनें, विमान उड़ाना सीखें, अंग्रेजी बोलें. वे चाहते हैं कि आप जंगल में रहें, लेकिन वहां रुकें नहीं. उसके बाद वे आपसे जंगल छीनने लगते हैं. अगर ऐसा ही चलता रहा तो अगले 5-10 वर्षों में सारे जंगल दो-तीन उद्योगपतियों के हाथ में चले जाएंगे और आपके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं होगी, शिक्षा, स्वास्थ्य और नौकरी नहीं मिलेगी. मैं आपको बता रहा हूं कि देश आपसे छीन लिया गया है.
जमीन के साथ उनके संबंधों को समझना होगा
राहुल गांधी ने कहा, जब मैं छह-सात का साल था, तो मेरी दादी (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी) ने मुझे एक किताब दी थी. वह किताब आदिवासियों के बारे में थी…जो भारत के असली मालिक हैं. उनकी दादी ने उनसे कहा कि अगर आप भारत को समझना चाहते हो, तो आपको आदिवासियों, उनके जीवन, जल, जंगल और जमीन के साथ उनके संबंधों को समझना होगा. कांग्रेस नेता ने कहा, उन्होंने आदिवासियों के लिए ‘‘आदिवासी’’ शब्द का इस्तेमाल किया, जिसका अर्थ है जो यहां पहले से रह रहे हैं. मैं आपको बता रहा हूं कि आप देश के पहले मालिक हैं. देश आपसे छीन लिया गया है.
आदिवासी व वनवासी में फर्क समझाया
राहुल गांधी ने कहा कि आदिवासी शब्द का अर्थ है कि देश आदिवासियों का है और उन्हें इस देश में उनका अधिकार मिलना चाहिए- जैसे उन्हें और उनके बच्चों को रोजगार और स्वास्थ्य. कांग्रेस नेता ने कहा कि दूसरी ओर, वनवासी का मतलब है कि जो कुछ भी आपका है वह 2 से 3 उद्योगपतियों को दिया जाना चाहिए और आपको कोई शिक्षा, स्वास्थ्य और कोई अन्य अधिकार नहीं मिलता है. भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अतीत में कांग्रेस द्वारा केंद्र में सत्ता में रहते हुए आदिवासी समुदाय के लाभ के लिए बनाए गए कानूनों को भाजपा शासित राज्यों में कभी लागू नहीं किया गया.
पेसा कानून जंगल लौटाने के क्रांतिकारी कानून थे
राहुल गांधी ने दावा किया कि वास्तव में, उन्होंने (भाजपा) पेसा कानून (अनुसूचित क्षेत्रों के लिए पंचायत विस्तार कानून, भूमि अधिग्रहण कानून और वन अधिकार कानून) जैसे महत्वपूर्ण कानूनों को कमजोर करने का काम किया. आपको जल, जमीन और जंगल लौटाने के लिए ये क्रांतिकारी कानून थे… हमने आपको मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून), नौकरी, छात्रवृत्ति, जमीन पर अधिकार दिए. उन्होंने (भाजपा ने) ऐसा नहीं किया…दरअसल उन्होंने आपसे सिर्फ आपकी जमीन छीनी. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब लोग पर्यावरण के बारे में बात करते हैं और बड़े सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं, जहां दुनिया भर के प्रतिनिधि हरित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मिलते हैं, आदिवासी इस विषय के बारे में किसी भी नेता से ज्यादा जानते हैं. गांधी ने कहा, आप उन्हें जल, जमीन और जंगल के बारे में सिखा सकते हैं और किसी नेता या सरकार का काम आपकी बात सुनना है.
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