Vikash Kumar
Ranchi : जहां झारखंड सरकार आदिवासियों के विकास की बात करती है, आदिवासियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की बात करती है वहीं रांची के विरिथल गांव एचईसी के पास मंत्रियों के आलिशान बंगले बनाने के लिए आदिवासियों की एक बस्ती के घरों को उजाड़ दिया गया.
बस्ती की रहने वाली सुहानी सांगा ने बताया कि रविवार को देर शाम 7:00 बजे अधिकारी आकर घर का सामान बाहर फेंक कर बुलडोजर से घर तोड़ने लगे. आनन-फानन में जब बस्ती के लोग जुटे तब जाकर उन्होंने वहां से भागने का काम किया. इससे पूर्व बुलडोज़र से दो घरों की छतों उजाड़ दिया गया.
सुहानी रांची डोरंडा कॉलेज की छात्रा है. सुहानी ने बताया कि स्मार्ट सिटी बनाने के लिए हमारे घर को उजड़ा जा रहा है. हम लोग सरकार के लिए कीड़ा-मकोड़ा की तरह हैं, इसलिए हमें फेंका जा रहा है. सुहानी ने यह भी बताया कि उनके बाबा एक मजदूर हैं और अधिकारियों ने उनके खाना बनाना वाले किचन से लेकर सोने वाले बेड तक को तोड़ दिया. अब उनके पास रहने और खाने का कोई सहारा नहीं है.सुहानी ने रोते हुए यह भी कहा कि अब इन हालातों में उसे अपनी पढ़ाई भी छोड़नी पड़ेगी.
सुहानी के पिता का कहना है कि अब इन हालातों में हम एक नया घर ढूंढें या बच्चे की पढ़ाई कराएं या फिर अपना भरण-पोषण करें. यह हालात तब है जब जल, जंगल, जमीन कहकर शासन करने वाली पार्टी की सरकार राज्य में है.
इसे लेकर शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने रांची डीसी से बात की और जानकारी मांगी है.
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