Jamshedpur : जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के पांच जवानों और उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत पर किसान आंदोलन एकजुटता मंच व मानगो गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कैंडल मार्च निकाल उन्हें श्रद्धांजलि दी. मार्च में शामिल लोगों ने केंद्र सरकार के विरुद्ध हल्ला बोला. मंगलवार को मानगो खुदीराम बोस चौक से मानगो डिमना रोड में कैंडल मार्च में शामिल आंदोलनकारियों ने जय जवान जय किसान के नारे लगाए और केंद्र सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की. भगवान सिंह ने कहा कि देश का जवान शहीद हो रहा है, किसान मारे जा रहें हैं, सरकार को इस बात की कोई परवाह नहीं है. झारखंड गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार शैलेन्द्र सिंह, गुरचरण सिंह बिल्ला, बलजीत सिंह व भारतीय जन मोर्चा के कुलविंदर सिंह पन्नू ने कैंडल मार्च में शामिल होकर सरकार को किसान विरोधी व जवानों की जान से खेलने वाला बताया. कैंडल मार्च में जसवंत सिंह जस्सू, गौतम बोस, बिंदा सोरेन, मांझी बाबा, मोहम्मद जान, फैय्याज आलम, मोहम्मद अब्दुल्लाह, अरुण यादव, सिया शरण शर्मा, सुशांत सरकार, चंदना बनर्जी, विष्णु देव गिरी, कमलजीत सिंह, परमजीत सिंह काले, सुखवंत सिंह, सुखविंदर सिंह, चमकौर सिंह, गुरविंदर सिंह आदि शामिल थे.
सीजीपीसी ने भी निकाला कैंडल मार्च
किसानों एवं पत्रकार के आत्मा के शांति के लिए जमशेदपुर सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) ने भी कैंडल मार्च निकाला. जवानों को भी इस मार्च के माध्यम से श्रद्धांजलि दी गई. प्रधान गुरमुख सिंह मुखे ने घटना की जोरदार निंदा करते हुए कहा कि यह सरकार मानवता की हत्या कर रही है. दोषी पर कड़ी करवाई होने तक आंदोलन जारी रखने की बात उन्होंने कही. कार्यक्रम में मंजीत सिंह सिद्धू, अजीत सिंह गंभीर, दलजीत सिंह दल्ली, महेंद्र सिंह समेत कई गुरुद्वारों के प्रतिनिधि शामिल थे.
किसान -जवान से ही देश सुरक्षित : सतनाम
इधर, ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन ने साकची गुरुद्वारा साहिब में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में शहीद हुए किसानों को और कल जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए जवानों की आत्मा की शांति के लिए श्री गुरुग्रंथ साहिब के समक्ष अरदास की और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. फेडरेशन के पूर्वी भारत अध्यक्ष सतनाम सिंह गंभीर ने कहा कि किसान और जवान हैं, तो ही देश सुरक्षित है. मौके पर गुरविंदर सिंह, बलजीत सिंह संसोआ, अमरजीत सिंह भामरा, इंदरपाल सिंह भाटिया, गुरदीत सिंह चोला, अमरजीत सिंह रिखराज, मनमीत लूथरा, अवतार सिंह, जसपाल सिंह, सरबजीत सिंह, मनजीत सिंह आदि मौजूद थे.