Jamshedpur : टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) की वरिष्ठ प्रशिक्षक अस्मिता दोरजी (38) पूरक ऑक्सीजन का उपयोग किए बिना दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने का प्रयास करेंगी. अब तक कोई भी भारतीय महिला पूरक ऑक्सीजन का उपयोग किए बिना शिखर पर नहीं चढ़ी है. 8000 मीटर से ऊपर अत्यधिक पतली हवा और मृत्यु क्षेत्र, तेज हवाओं और अत्यधिक ठंड की स्थिति को देखते हुए यह प्रयास अनूठा होगा. दुनिया में बहुत कम लोग हैं जो बिना पूरक ऑक्सीजन के माउंट एवरेस्ट पर चढ़े हैं. बहुत कम ऑक्सीजन उपलब्ध होने के कारण, पर्वतारोहियों को जीवित रहने और सुरक्षित लौटने के लिए कैंप -3, यानी 7100 मीटर से ऊपर पूरक ऑक्सीजन लगाने की आवश्यकता होती है. वह 3 अप्रैल को नेपाल के लिए रवाना होंगी.
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टीएसएएफ 2020 और 2021 में अस्मिता को माउंट एवरेस्ट पर भेजने की योजना बना रहा था. हालांकि दुनिया भर में कोरना महामारी के कारण अभियान स्थगित हो गया. टीएसएएफ के चेयरमैन सह टाटा स्टील कॉरपोरेट सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी ने इस चुनौतीपूर्ण अभियान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. उन्होंने कहा कि “हम इसे चैंपियन बनाकर खुश हैं और अस्मिता को एक सफल और सुरक्षित चढ़ाई के लिए शुभकामनाएं देते हैं, क्योंकि वह बिना पूरक ऑक्सीजन के माउंट एवरेस्ट फतह करने का प्रयास करेंगी. यह प्रयास मानवीय सहनशक्ति और उसके पास मौजूद अदम्य भावना के अंतिम प्रदर्शन का एक उदाहरण है. अस्मिता की सुरक्षा हालांकि टीम के लिए पहली प्राथमिकता रहेगी. अस्मिता दोरजी ने अभियान के लिए अपने उत्साह और तैयारियों को साझा किया.
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