Ranchi : झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय, रांची के परिवहन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा संयुक्त रूप से गुरुवार को एकीकृत शहरी योजना- 2021 में परिवहन, पर्यावरण और ऊर्जा की भूमिका पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का संचालन प्रो क्षितिज भूषण दास, कुलपति सीयूजे और प्रो एसएल हरिकुमार, रजिस्ट्रार सीयूजे की उपस्थिति में किया गया. वेबिनार की अध्यक्षता प्रो मनोज कुमार, प्रमुख पर्यावरण विज्ञान विभाग (DEVS) और प्रो. अजय सिंह, प्रमुख (I/C) परिवहन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DTST) द्वारा की जा रही है. वेबिनार के मुख्य अतिथि प्रो. प्रदीप कुमार मिश्रा, कुलपति, झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हैं. वेबिनार में तीन तकनीकी सत्र आयोजित किये गये, जिनमें विषयों के आधार पर परिचय और मुख्य भाषण, छह से सात प्रस्तुतियां, प्रत्येक के बाद प्रश्नोत्तर और प्रतिभागियों से प्रतिक्रिया शामिल थी. वेबिनार में गूगल मीट प्लेटफॉर्म पर लगभग 230 प्रतिभागियों ने भाग लिया.
इसे भी पढ़ें – झारखंड कैबिनेट की बैठक में 13 प्रस्ताव मंजूर, 16 से 22 दिसंबर तक शीतकालीन सत्र
आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना
इसके बाद मुख्य अतिथि प्रो. प्रदीप कुमार मिश्रा कुलपति, झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, रांची का संबोधन हुआ, जहां उन्होंने आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना की और ऐसे वेबिनार के उद्देश्य और आवश्यकता के बारे में जानकारी दी. उन्होंने शहरी स्थिरता प्राप्त करने के लिए स्मार्ट शहरीकरण, प्रौद्योगिकी वृद्धि और कुशल ऊर्जा उपयोग की भूमिका पर जोर दिया. प्रो. मिश्रा ने दुनिया भर में मैनचेस्टर, सिंगापुर, म्यूनिख, बर्लिन और मैड्रिड जैसे हरित शहरों की संख्या का उदाहरण देते हुए जीवाश्म ईंधन के उपयोग से बचकर संतोष की व्याख्या की है. इसलिए भारत भी हरित शहरों की अवधारणा को प्राप्त करने के लिए उन्हीं रणनीतियों को अपना सकता है.
इसे भी पढ़ें – JPSC ने जारी किया कट ऑफ मार्क्स
विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला
इसके बाद अध्यक्षीय भाषण में, प्रो क्षितिज भूषण दास, माननीय कुलपति, सीयूजे, रांची ने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और वर्तमान समय के ऐसे प्रासंगिक विषयों पर वेबिनार आयोजित करने के उद्देश्य और आवश्यकता पर चर्चा की. कहा कि इस तरह के वेबिनार झारखंड सरकार के नीति निर्माण में भूमिका निभा सकता है. उन्होंने वैश्वीकरण, शहरीकरण, आत्मनिर्भर भारत जैसे विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और स्मार्ट परिवहन से संबंधित विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में भी बताया. समापन टिप्पणी और औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन डॉ. भास्कर सिंह, सहायक प्रो., डीईवीएस, झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा दिया गया.
इसे भी पढ़ें – झारखंड के गांवों में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की आबादी, शहरी क्षेत्र में प्रति एक हजार पुरुष पर 989 महिलाएं, गांवों में 1070