Ranchi: रांची महाधर्मप्रांत के संत अल्बर्टस कॉलेज में गुरुवार को नव अभिषिक्त ऑक्सीलियारी बिशप दीपक वलेरियन तौरो और बिशप विसुवासम सेल्वाराज को सम्मानित किया गया. बिशप दीपक वलेरियन तौरो दिल्ली महाधर्मप्रांत के ऑक्सीलियारी बिशप और बिशप विसुवासम सेल्वाराज पोर्टवेलयर-अंडामन धर्मप्रान्त के नए बिशप हैं. दोनों के बिशप बनने के बाद पहले दौरे पर रांची आर्चडायसिस ने सम्मान समारोह का आयोजन किया. दोनों बिशप संत अल्बर्ट्स कॉलेज के भूतपूर्व स्टूडेंटस रह चुके हैं. कॉलेज से अब तक 42 बिशप बन चुके हैं.
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जिम्मेदारियां बढ़ीं हैं
बिशपों ने अपने संबोधन में कहा यह हमारे लिये सेवा, त्याग, परोपकार करने का समर्पण है.समारोह का आयोजन दो भागों में किया गया. कर्यक्रम के पहले हिस्से में मिस्सा पूजा का अनुष्ठान किया गया. इसके मुख्य अनुष्ठाता बिशप दीपक वलेरियन तौरो थे. इस अवसर पर संदेश देते हुए बिशप सेल्वाराज ने बिशप बनने की ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह ईश्वर की महिमा रही है कि मैं इस गरिमामय पद में पहुंचा हूं. जिम्मेदारियां बढ़ी है. ये हमारे लिये सेवा, त्याग, परोपकार करने का समर्पण है. कार्यक्रम के आगे बिशपों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया.कॉलेज के रेक्टर फादर अजय कुमार खलखो, फादर डेविड बड़ा, फादर गुलशन मिंज, ब्रदर सुमित बड़ा, ब्रदर बेंजामिन मिंज, ब्रदर कुलदीप, ब्रदर निराल लकड़ा सहित अन्य उपस्थित थे.
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जानिए कौन हैं बिशप वलेरियन तौरो और बिशप सेल्वाराज
बिशप दीपक वलेरियन तौरो का जन्म 2 अगस्त 1967 को चिकमगलूर, कर्नाटक में हुआ था. उन्होंने संत अल्बर्ट्स कॉलेज रांची में ईसशाश्त्र की पढ़ाई की. वह पहली बार 10 मई, 1996 को बिहार के मुजफ्फरपुर धर्मप्रान्त में पुरोहित बने. इसके बाद लंबे समय तक वह रांची के संत अल्बर्ट्स कॉलेज में प्रिंसिपल और रेक्टर के रूप में अपनी सेवा दी. 29 सितंबर 2021 को वे दिल्ली महाधर्मप्रांत के सहायक बिशप बने.बिशप विसुवासम सेल्वाराज का जन्म तमिलनाडु में हुआ था. उन्होंने भी अपनी ईसशाश्त्र की पढाई संत अल्बर्ट्स कॉलेज से की. इसके बाद उन्होंने पोर्टवेलयर-अंडामन धर्मप्रान्त में 8 मई 1994 से बतौर पुरोहित सेवा दी. जिसके बाद 21 अगस्त 2021 को वे इसी धर्मप्रांत के बिशप बने.