Chaibasa : कोल्हान विवि के यूजी सेमेस्टर-6 की डीएसई इंग्लिश कोर बी की परीक्षा अचानक शुक्रवार को रद्द कर दी गई. प्रश्न गलत मिलने की वजह से परीक्षा विभाग ने तत्काल कर्रवाई करते हुए परीक्षा को ही स्थगित कर दिया. परीक्षा शुक्रवार को द्वितीय पाली में विभिन्न केंद्र पर आयोजित थी. शुक्रवार को ही एक अधिसूचना जारी कर परीक्षा को रद्द कर दिया. परीक्षा विभाग ने आगामी 23 अक्टूबर को द्वितीय पाली में उक्त पेपर की परीक्षा लेने का निर्णय लिया है. परीक्षा नियंत्रक डॉ अजय कुमार चौधरी ने कहा कि शु्क्रवार को होने वाली परीक्षा को किसी कारणवश स्थागित कर दिया गया है. यह परीक्षा 23 अक्टूबर को दूसरी पाली में होगी. मालूम हो कि परीक्षा देने जब विद्यार्थी केंद्र पहुंचे तो जब प्रश्न पत्र मिला तो विद्यार्थियों ने प्रिंटिग मिस्टेक की शिकायत की. जिसके बाद करीब तीन बजे विश्वविद्यालय द्वारा एक अधिसूचना जारी की गयी. विद्यार्थियों में परीक्षा विभाग की इस तरह के व्यवहार पर काफी नाराजगी है. विद्यार्थियों के मुताबिक उन्हें मिले प्रश्न पत्र में बहुत अधिक गलती थी. हालांकि पूरे मामलें में परीक्षा केंद्र प्रभारी का कहना है कि केवल एक ही सवाल गलत था. लेकिन एक गलती के कारण पूरी परीक्षा को शिफ्ट कर देना खुद में ही संदेह पैदा करता है.
एबीवीपी ने परीक्षा विभाग की कार्यशैली पर उठाए सवाल
पूरे मामले पर कोल्हान यूनिवसिर्टी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए अखिल भारतीय विश्व परिषद ने विरोध जताया है और परीक्षा नियंत्रक से इस्तीफे की मांग की है. एबीवीवी के प्रदेश सह मंत्री बापन घोष ने कहा कि यूनिवर्सिटी बार-बार परीक्षा स्थगित करना, छुट्टी के दिन परीक्षा की तिथि की घोषणा करना यह गलत है. परीक्षा नियंत्रक से कार्यभार नहीं संभाला जाता है तो इस्तीफा दे.
दोबारा ना दोहरायी जाए ऐसी घटना: एआईडीएसओ
दूसरी ओर, एआईडीएसओ जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सोनी सेनगुप्ता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि कोल्हान विश्वविद्यालय द्वारा जब से (2018-21) की परीक्षा प्रारंभ हुई है तब से परीक्षा विवाद में रहा है. बार-बार परीक्षा का समय बदल कर छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ विश्वविद्यालय खिलवाड़ करना बंद करें. परीक्षा में आंसर शीट का वितरण हो जाने के बाद 1 घंटे बाद विश्वविद्यालय द्वारा अधिसूचना जारी की जाती है कि विद्यार्थियों की परीक्षा को कैंसिल कर दिया गया है. एआईडीएसओ इस घटना की कड़ी निंदा करती है और विश्वविद्यालय से मांग करती है कि इस तरह की घटना को दोबारा ना दोहराया जाए अन्यथा संगठन आंदोलन को बाध्य होगा.