Ranchi: सेंट्रल यूनिवर्सिटी को लेकर आ रही अड़चनों को लेकर केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में सेंट्रल यूनिवर्सिटी के स्थायी परिसर के लिए चुनौतियां एवं उसे दूर करने पर बातचीत हुई. बैठक के बाद अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी राज्य के लिए गौरव की बात है, लेकिन 10 साल बाद भी अब तक स्थायी कैंपस नहीं मिल पाना चिंता का विषय है.
अन्नपूर्णा ने कहा कि 2011 में सीयूजे स्थापना के दौरान यूनिवर्सिटी को राज्य सरकार ने 500 एकड़ जमीन देने की बात कही थी. इसमें से 319 एकड़ जमीन जीएम लैंड और शेष रैयती जमीन थी. जीएम लैंड में भी स्थानीय लोगों का अवैध कब्ज़ा है. सरकार की ओर से उपलब्ध जमीन पर भवन तो बन गये हैं लेकिन उनकी घेराबंदी नहीं हो पा रही है.
करीब 16 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा होने की वजह से घेराबंदी नहीं हो पा रही है. डीसी छवि रंजन ने 6 महीने में जमीन अधिग्रहण पूरा करने की बात कही है. बैठक में लैंड रेवेन्यू, पेयजल, ऊर्जा विभाग, जिला प्रशासन के अधिकारी के अलावा स्थानीय मुखिया भी मौजूद थे.
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स्थानीय लोगों से बात कर समस्याओं का निकलेगा निदान- अन्नपूर्णा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए भवन, जमीन या फिर एप्रोच रोड की बात हो सभी समस्याओं का निदान किया जाएगा. स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर रास्ता निकाला जायेगा. वहीं सीयूजे नौकरी में स्थानीय लोगों को भी उचित भागीदार देगा. ग्रामीणों के लिए स्किल सेंटर्स भी बनाए जाएंगे और आसपास के गांव में चल रहे स्कूलों को गोद लिया जाएगा.
गेतलसूद से मिलेगा पानी, जमीन अधिग्रहण के बाद बनेगा सब ग्रिड
सेंट्रल यूनिवर्सिटी के नये कैंपस में बिजली-पानी और अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करनी है. बैठक में पेयजल विभाग के अधिकारी ने बताया कि सीयूजे में गेतलसूद डैम से पानी लाया जाएगा. वहीं ऊर्जा विभाग की ओर से कहा गया कि जमीन उपलब्ध होते ही सब ग्रिड बनाने का काम शुरू हो जायेगा.