Lagatar Desk : कहते हैं पहला प्यार इंसान कभी नहीं भूलता. वह दिल के किसी कोने में हमेशा दबा रहता है. थोड़ा सा अहसास उसे फिर से जिंदा कर देता है. प्यार में बिछड़ने और मिलने की ऐसी कई कहानियां हम सबने किताबों में पढ़ी हैं और फिल्मों में देखी हैं. ऐसा ही कुछ घटा है जैसलमेर के वीरान पड़े एक भूतिया गांव कुलधरा के 82 साल के एक चौकीदार के साथ. अपने पहले प्यार को 50 साल बाद फिर से पाकर वह निहाल है. वह 70 का दशक था. खूबसूरत मरीना ऑस्ट्रेलिया से जैसलमेर आयी तो थी घूमने, लेकिन वहां उसने एक चौकीदार का दिल चुरा लिया. उसे बस ‘आई लव यू’ कह मरीना अपने देश लौट गयी थी. लेकिन करीब 50 साल के बाद उसने खत लिखकर उस चौकीदार से मिलने की ख्वाहिश जतायी है.
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“I was in my 30s when I first met Marina–she had come to Jaisalmer all the way from Australia, for a desert safari. It…
Posted by Humans of Bombay on Wednesday, 31 March 2021
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जैसलमेर की डेजर्ट सफारी और पहली नजर का प्यार
चौकीदार ने ‘ह्यूमंस ऑफ बांबे’ नामक फेसबुक पेज पर अपनी प्रेम कहानी बयां की है. वह बताते हैं कि वह 30 साल के थे, जब मरीना से उनकी पहली मुलाकात हुई थी. वह ऑस्ट्रेलिया से डेजर्ट सफारी के लिए जैसलमेर आयी थी. पांच दिन के उस सफर में उन्होंने मरीना को ऊंट की सवारी करनी सिखायी था. उन दिनों पहली नजर में भी प्यार हो जाता था. हमारे साथ भी ऐसा ही हुआ. हम एक-दूजे को देखते ही दिल दे बैठे थे. आगे की कहानी चौकीदार के शब्दों में-
उसने मुझे आइ लव यू कहा, मैं शर्म से लाल था
उसकी भाषा मुझे पूरी तरह से समझ नहीं आती थी. लेकिन हम दोनों एक दूसरे के दिल की बात समझ लेते थे. अपने देश लौटने से पहले मरीना ने मुझे -आई लव यू कहा था, यह सुनकर मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया था. वापस जाने के बाद मरीना मुझे हर हफ्ते खत लिखा करती थी. कुछ हफ्तों के बाद उसने मुझे ऑस्ट्रेलिया बुलाया. मैं सातवें आसमान पर था.’
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मेलबर्न के वे जादुई तीन महीने और लंबी जुदाई
अपने परिवार को बिना बताये मैंने मैंने 30 हजार रुपये का कर्ज लिया. पासपोर्ट-वीजा की व्यवस्था की. मेलबर्न का टिकट खरीदा और उसके पास जाने के लिए उड़ान भरी. वे तीन महीने जादुई थे. उसने मुझे अंग्रेजी सिखाई. मैंने उसे घूमर डांस सिखाया. लेकिन फिर उसने कहा, मुझसे शादी कर लो और ऑस्ट्रेलिया में बस जाओ! और यहां से चीजें जटिल हो गयीं. मैं अपने पुरखों की जमीन छोड़ने के लिए तैयार नहीं था और वह भारत आने को राजी नहीं थी. मैंने उससे कहा- ऐसा लंबे समय तक नहीं चल सकता. और हमने अलग होने का फैसला किया. यह आसान नहीं था – मेरे जाने के दिन वह बहुत रोई, लेकिन आखिरकार हम अलग हो गये.
मैं भारत आकर भूतिया गांव का चौकीदार बन गया
मैं अपने देश लौट आया. जीवन आगे बढ़ चला. कुछ साल बाद परिवार के दबाव में मुझे शादी करनी पड़ी. उसके बाद मैंने अपना परिवार पालने के लिए पास के भूतिया और वीरान गांव कुलधरा में चौकीदार की नौकरी कर ली. लेकिन अक्सर, मैं मरीना के बारे में सोचा करता था. क्या उसने शादी कर ली होगी? क्या मैं फिर कभी उसे देख पाऊंगा?
जिंदगी मुझे यूं चकित करेगी, कभी सोचा न था
समय बीतता गया और यादें फीकी होती गयीं. मैं पारिवारिक जिम्मेदारियों में व्यस्त हो गया. 2 साल पहले मेरी पत्नी का देहांत हो गया. मेरे सभी बेटे शादी करके बाहर चले गये. मैं निपट अकेला 82 साल की उम्र में भारत के एक प्रेतबाधित गांव की चौकीदारी कर रहा था. उम्र के इस पड़ाव पर जब मैंने मान लिया था कि ये जिंदगी मुझे अब और चकित नहीं कर सकती, तब ऐसा हुआ! एक महीने पहले अचानक मुझे एक खत मिला. यह मरीना थी. 50 साल बाद उसने मुझे ढूंढ़ लिया था. उसने खत में पूछा था, ‘तुम कैसे हो मेरे दोस्त?’ मेरे रोंगटे खड़े हो गये. तब से वह मुझे रोज फोन करती है. हमारे पास कहने-सुनने को बहुत कुछ है!
रामजी की कसम! लग रहा है कि मैं 21 साल का हूं
मरीना ने मुझसे कहा कि उसने कभी शादी नहीं की. वह जल्द ही भारत आ रही है. रामजी की कसम! मुझे लग रहा है कि मैं अभी 21 साल का जवान हूं! मुझे नहीं पता कि नियति ने मेरे लिए क्या सोच रखा है. मेरा पहला प्यार मेरे पास लौट आया है और मैं हर रोज उससे बात करता हूं. इस अहसास को मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता.
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