- विधानसभा में HEC के जमीन अधिग्रहण मामले पर पक्ष-विपक्ष का हंगामा
- बंधु तिर्की ने की विशेष समिति बनाकर जमीन अधिग्रहण की जांच कराने की मांग
Ranchi : झारखंड विधानसभा में HEC के जमीन अधिग्रहण मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष दोनों सवाल उठाये. विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि एचईसी ने 1956 से 1971 तक 9200 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है. इसमें से 80 फीसदी जमीन सीएनटी के दायरे में आता है, लेकिन सीएनटी के नियम के तहत एचईसी ने गैर उपयोग की जमीन रैयतों को नहीं लौटाई. एचईसी ने बलपूर्वक रैयतों से जमीन छीन ली और रैयत भिखारी की तरह रहने को मजबूर हैं.
गैर उपयोग की भूमि से कब्जा हटाए एचईसी – बंधु तिर्की
वहीं विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि एचईसी 4200 रुपये में ली गई जमीन को 15-20 हजार करोड़ रुपये में बेच रहा है. क्या एचईसी जमींदार हो गया है. वह गैर उपयोग की भूमि से अपना दखल हटाये और सरकार को बची जमीन को वापस करे. उन्होंने कहा कि एचईसी के जमीन अधिग्रहण की विशेष समिति बनाकर जांच कराई जाये. उन्होंने एसटी आयोग के तात्कालीन अध्यक्ष रामेश्वर उरांव की रिपोर्ट की भी समीक्षा करने की मांग की.
HEC जमीन डीड ऑफ कन्वेंशन में गड़बड़ी- दीपक बिरुआ
विधायक दीपक बिरुआ ने बताया कि एचईसी ने 1956 से 1971 तक जमीन का अधिग्रहण किया, लेकिन जब आरटीआई से डीड ऑफ कन्वेंशन मांगा गया, तब 1996 का मिला. वहीं रजिस्ट्री ऑफिस में डीड ऑफ कन्वेंशन रजिस्टर ही नहीं है. फिर कैसे एचईसी स्मार्ट सिटी, विधानसभा और जेएसससीए को जमीन बेच रहा है.
पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने वेल में पहुंचकर किया हंगामा
एचईसी के जमीन अधिग्रहण पर चर्चा के दौरान विधायक नवीन जायसवाल और बीजेपी के दूसरे विधायकों ने कहा कि एचईसी की जमीन अधिग्रहण का खेल यूपीए की सरकार में हुआ है. बीजेपी विधायकों ने कांग्रेस के खिलाफ सदन में नारेबाजी शुरू कर दी. स्पीकर ने कहा कि इस प्रश्न को स्थगित कर दूसरे सवाल पर चर्चा की जाए. इसके बाद बीजेपी के विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में आ गये. कांग्रेस और जेएमएम के विधायक भी इसपर चर्चा की मांग को आसन के सामने पहुंच गये. स्पीकर ने विधायकों को समझाकर वापस उनकी सीट पर भेजा.
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