Washington : भारत द्वारा रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने को लेकर अमेरिकी प्रशासन में हड़कंप है. साथ ही असमंजस भी है. उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार अमेरिका भारत के खिलाफ प्रतिबंध भी नहीं लगा सकता और न ही रूस से हथियार खरीदने की छूट दे सकता है. खबर आयी है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के को-ऑर्डिनेटर फॉर सैंक्शंस पॉलिसी के प्रतिनिधि जेम्स ओ ब्रायन ने हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के सांसदों से कहा है कि अमेरिका नहीं चाहता है कि भारत रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदे.
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तत्कालीन ट्रंप प्रशासन ने भारत को चेतावनी दी थी
यह भी कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन से भारत को काट्सा (CAATSA) से छूट देने की बढ़ती मांग पर वॉशिंगटन को महत्वपूर्ण भू-रणनीतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखना होगा. जान लें कि रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए अमेरिका तुर्की पर काट्सा के तहत प्रतिबंध लगा चुका है. क्या अब भारत की बारी है. भारत ने अक्टूबर 2018 में रूस के साथ पांच अरब डॉलर में एस-400 मिसाइल सिस्टम की पांच यूनिट को खरीदने के लिए समझौता किया था. हालांकि तत्कालीन ट्रंप प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि अगर इस समझौते को अमल में लाया जाता है तो भारत पर अमेरिका प्रतिबंध लाजिमी है.
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कात्सा 2017 में बना एक कठोर अमेरिकी कानून है
हालांकि बाइडेन प्रशासन ने अभी स्पष्ट नहीं किया है कि वह एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए भारत पर काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट (काट्सा) के तहत प्रतिबंध लगायेगा या नहीं. बता जें कि कात्सा 2017 में बना एक कठोर अमेरिकी कानून है. इसमें अमेरिकी प्रशासन के पास उन देशों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार है जो रूस से बड़े सैन्य साजो-सामान खरीदते हैं.
खबरों के अनुसार राष्ट्रपति बाइडेन के प्रतिनिधि जेम्स ओ ब्रायन से अमेरिका के विदेश विभाग के प्रतिबंध नीति समन्वय में बुधवार को सुनवाई के क्रम में पूछा गया था कि तुर्की पर अमेरिका द्वारा लगाये गये प्रतिबंध से क्या कोई चेतावनी या सबक मिला है कि भारत के साथ किस तरह का व्यवहार करना है? राजनीतिक हलकों में जारी चर्चा पर नजर डालें तो अमेरिकी विदेश विभाग के प्रतिबंध नीति समन्वय में एस-400 मिसाइल प्रणाली की खरीद के बाद तुर्की पर अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने से आशंका थी कि वॉशिंगटन भारत पर भी इस तरह के प्रतिबंध लगा सकता है.
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रूस भारत का महत्वपूर्ण हथियार आपूर्तिकर्ता देश है
जान लें कि रूस भारत का महत्वपूर्ण हथियार आपूर्तिकर्ता देश है. जानकारी के अनुसार सांसद टॉड यंग ने ओ ब्रायन से पूछा कि मेरा मानना है कि उनकी परिस्थितियां काफी अलग हैं और उनकी अलग रक्षा भागीदारी भी है, लेकिन आप कैसे मानते हैं कि हमें अपने दोस्तों पर प्रतिबंध लगाने की संभावना के बारे में सोचना चाहिए? इसके जवाब में ओ ब्रायन ने कहा कि दोनों स्थितियों की तुलना करना कठिन है. नाटो का सहयोगी तुर्की रक्षा खरीद प्रणाली में अलग हटकर काम कर रहा है और भारत के साथ भागीदारी महत्वपूर्ण है जिसका रूस से पुराना नाता है.
भारत को काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्टके तहत प्रतिबंधों में छूट देने का समर्थन
उन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि वह भारत को रूस से हथियार खरीदने के लिए हतोत्साहित कर रहा है और कुछ महत्वपूर्ण भू-रणनीतिक मसले भी हैं, खासकर चीन के साथ संबंधों को लेकर. इसलिए मेरा मानना है कि हमें संतुलन बनाये रखने पर गौर करना होगा. रिपब्लिकन पार्टी के सांसद टॉड यंग ने रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली की खरीद के लिए भारत के खिलाफ काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट (कात्सा) के तहत प्रतिबंधों में छूट देने का समर्थन करते हुए कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन को ऐसी किसी भी कार्रवाई का विरोध करना चाहिए जो भारत को क्वाड से दूर कर सकता है.