Ranchi: कोरोना के संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने कोरोना का वैक्सीन फ्रंटलाइन वर्कर के लिए उपलब्ध कराया है. 16 जनवरी से कोरोना का वैक्सीन फ्रंटलाइन वर्कर को दिया जा रहा है. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के डेंटल विभाग में 18 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम की शुरुआत की गई. वैक्सीनेशन प्रोग्राम का पहला ही दिन विवादों में रहा. कारण कोविन ऐप में नाम दर्ज नहीं होने के बावजूद भी रिम्स के दो बड़े पदाधिकारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप और रिम्स माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ मनोज कुमार ने वैक्सीन ले लिया था. वैक्सीनेशन कार्यक्रम के पहले दिन 60 लोगों को वैक्सीन दिया गया. तो वहीं दूसरे दिन 70 और तीसरे दिन 80 लोगों को वैक्सीन दिया गया. तीसरे दिन का वैक्सीनेशन डेढ़ घंटे की देरी से शुरू हुआ.

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कर्मचारियों की कमी के कारण देर से शुरू हुआ वैक्सीनेशन
रिम्स में कोरोना वैक्सीनेशन के नोडल पदाधिकारी डॉ मिथिलेश कुमार ने कहा कि पहला दिन वैक्सीनेशन के लिए लगाए जाने वाले बैनर-पोस्टर की तैयारी को लेकर विलंब हुआ था. वहीं आज वैक्सीनेशन में विलंब होने का कारण कर्मचारियों की कमी है. उन्होंने कहा कि रिम्स में वैक्सीन स्टोर करने की व्यवस्था नहीं है. स्टेट के द्वारा सदर अस्पताल से रिम्स को वैक्सीन उपलब्ध कराया जा रहा है. आगे वैक्सीन लाने में विलंब नहीं हो इसके लिए रिम्स अपने कर्मचारियों को भेजकर वैक्सीन मंगवाएगा.
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कोविड टास्क फोर्स के चिकित्सक डॉ ऋषि गुड़िया को दिया गया वैक्सीन
नोडल पदाधिकारी डॉ मिथिलेश ने कहा कि फ्रंटलाइन वर्कर्स को रिम्स में कोरोना का वैक्सीन दिया जा रहा है. वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तीसरे दिन चिकित्सक डॉ ऋषि गुड़िया को वैक्सीन दिया गया है. इसके अलावा रिम्स में कार्यरत 79 फ्रंटलाइन वर्कर को बुधवार को वैक्सीन दिया गया है.