Varanasi : वाराणसी में आज ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे शुरू हो गया है. खबर है कि सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर, उनके सहायक, वादी और प्रतिवादी के अलावा दोनों पक्षों के वकीलों की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे के लिए इंट्री हो गयी है. य़ह भी जानकारी है कि सर्वे के लिए मस्जिद परिसर में दाखिल हुए सभी लोगों के मोबाइल फोन जमा करा लिये गये हैं.
There is a robust arrangement to ensure that the people don’t face any inconvenience, the darshan takes place well and everything goes on well: DCP Kashi Zone RS Gautam on security for Gyanvapi mosque survey in Varanasi, UP pic.twitter.com/i3taE0aSlZ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 14, 2022
कोर्ट कमिश्नर के साथ विशेष कमिश्नर और सहायक कमिश्नर भी थे
बता दें कि आज सुबह लगभग 7.35 बजे कोर्ट द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर चौक थाने से निकले. कोर्ट कमिश्नर के साथ विशेष कमिश्नर और सहायक कमिश्नर भी थे. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एडवोकेट कमिश्नर और अन्य लोग सर्वे के लिए ज्ञानवापी मस्जिद पहुंचे. इस क्रम में वादी पक्ष की अगुवाई कर रहे विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन अपने वकील शिवम गौड़ के साथ चौक थाने से होते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर चार पर पहुंचे. वादी पक्ष की चारों महिलाएं भी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर चार पर पहुंची हैं.
जानकारी के अनुसार वादी पक्ष के वकीलों के अलावा मुस्लिम पक्ष के वकील भी ज्ञानवापी मस्जिद पहुंच गये हैं. मस्जिद के सर्वे के दौरान किसी तरह की कोई बाधा न आये, इसे लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. बुलानाला की ओर से विश्वनाथ मंदिर जाने वाले रास्ते पर किसी को पैदल भी जाने की इजाजत नहीं है. पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये हैं. पूरे इलाके को सील कर दिया गया है. मीडिया को भी रोक दिया गया है.
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मस्जिद के आसपास भारी पुलिस बल की तैनाती
ज्ञानवापी मस्जिद के आसपास भारी पुलिस बल की तैनाती प्रशासन द्वारा कर दी गयी है. सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने सर्वे, वीडियोग्राफी की कार्यवाही जारी रखने का आदेश देते समय प्रशासन को भी आदेश तामील कराने के निर्देश दिये थे. कोर्ट के आदेश के बाद वाराणसी के प्रशासनिक अधिकारियों ने कल मुस्लिम पक्ष के साथ बैठक की थी.
वाराणसी के प्रशासनिक अधिकारियों और मुस्लिम पक्ष के लोगों के बीच बैठक में सर्वे को लेकर सहमति बनी थी. मुस्लिम पक्ष के साथ बैठक के बाद जिलाधिकारी ने सर्वे की तारीख और समय का ऐलान किया था. सर्वे के आदेश को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मसाजिद कमेटी की याचिका पर तुरंत राहत से इनकार कर दिया.