Jamshedpur : जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) की ओर से तीन वर्ष पहले भालूबासा में बनाई गई दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो हुई. कार्यपालक दंडाधिकारी सविता टोपनो की मौजूदगी में जमशेदपुर अक्षेस के सिटी मैनेजर रवि भारती और उनकी टीम दावेदारों के सत्यापन का कार्य कर रही है. पहले चरण में ऐसे लोगों का सत्यापन किया जा रहा है, जिनकी दुकानें प्रशासन ने तोड़ दी थी. इसमें भालूबासा पुलिया से हरिजन स्कूल तक 14 दुकानें सड़क चौड़ीकरण की जद में आने के कारण तोड़ी गईं थीं. उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सभी प्रभावित दुकानदारों को दुकानें आवंटित करने का निर्देश दिया था. इसके बाद सभी की सूची अक्षेस ने बनाई थी. बाद में कई अन्य दावेदार भी आ गए. इसके कारण सूची में अन्य लोगों का भी नाम जोड़ा गया. 2019 में 41 दुकानदारों को तत्कालीन मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि की ओर से चाबी सौंपी गई थी, जिसे बाद में जेएनएसी ने जमा करा लिया था. डीसी सूरज कुमार ने धालभूम एसडीओ संदीप कुमार मीणा को पारदर्शी तरीके से दुकानें आवंटन की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है. जानकारी हो कि भालूबासा पुलिया के पास जेएनएसी की ओर से नागरिक सुविधा मद से 45 लाख की लागत से 53 दुकानें बनाई गई हैं.
बाहरी को दुकान देने पर होगा आंदोलन : चेतन
शिक्षित बेरोजगार फुटपाथ दुकानदार समिति के महासचिव चेतन मुखी ने बताया कि दुकान आवंटन के लिए सत्यापन कार्य में भेदभाव बरता जा रहा है. सत्यापन के लिए कतार में वैसे लोग भी खड़े दिखे, जिनकी दूसरी जगहों पर दुकानें हैं. कई लोग टाटा मोटर्स में काम करते हैं. कुछ सिक्युरिटी गार्ड के ड्रेस में सत्यापन के लिए पहुंच गए. उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों को अगर दुकानें अावंटित की गईं तो इसका विरोध होगा. इसके लिए जल्द ही शिक्षित बेरोजगार फुटपाथ दुकानदार समिति बैठक कर निर्णय लेगी.