Latehar: लातेहार जिला के गारू थाना क्षेत्र के कुकू-पीरी जंगल में बीते 12 जून को पुलिस और नक्सलियों की मुठभेड़ नहीं हुई थी. बल्कि शिकार पर निकले युवकों पर पुलिस ने गोली चलाई थी. जिसमें एक ग्रामीण की मौत हो गई और दूसरा घायल हो गया था. इस मामले में पीरी गांव के ग्रामीण पुलिसकर्मियों के खिलाफ एकजुट हो गये हैं. ग्रामीणों ने न्यायिक लड़ाई लड़ने के लिए आर्थिक सहयोग की अपील की है.
ग्रामीणों ने अपील करते हुए कहा है कि हम ने निर्णय लिया है कि इस अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे, इसके लिए हमें आर्थिक सहयोग की आवश्यकता है. इसमें फिलहाल 30 हजार रूपये की जरूरत होगी. हम अपने गांव में प्रत्येक घर से चंदा करेंगे, साथ ही हम आर्थिक सहयोग के लिए इस सार्वजनिक अपील को जारी कर रहे हैं.
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ग्रामीणों का आरोप ब्रह्मदेव को जंगल के किनारे फिर से मारी गोली
पीरी गांव के ग्रामीणों का कहना है कि बीते 13 जून को गांव में सरहुल पूजा तय की गई थी. इसे लेकर 12 जून को गांव के कुछ लोग सरहुल मनाने की तैयारी में शिकार के लिए जैसे ही गांव से निकले, उनपर सुरक्षा बलों ने गोली चलानी शुरू कर दी है. युवकों ने हाथ उठाकर सरेंडर करते हुए कहा कि हम आम जनता हैं, गोली ना चलायें. उस समय युवक के पास भरटुआ बंदूक था. जिसका इस्तेमाल छोटे जानवरों के शिकार और उन्हें भगाने के लिए होता है.
बताया कि युवकों की ओर से गोली नहीं चलाई गई थी, लेकिन सुरक्षाबलों की ओर से गोलियां चलती रही. दीना नाथ सिंह के हाथ में गोली लगी और ब्रह्मदेव सिंह के शरीर में गोली लगी. इसके बाद सुरक्षा बल के जवान ब्रह्मदेव को जंगल के किनारे ले गये और फिर से गोली मार दी. जिससे उसकी मौत हो गई.
वहीं शिकार पर निकले अन्य पांच युवकों को शाम में पुलिस थाना ले गई. और उनसे कई कागजों पर हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान लगवाए गए. उन्हें कागज में लिखी बातें पढ़ कर भी नहीं बताया गया. कुछ सादे कागजों पर हस्ताक्षर करवाए गए. पीड़ितों और ग्रामीणों को यह बाद में पता चला कि पुलिस रकी गोली से मृत ब्रह्मदेव समेत छह युवकों पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. साथ ही दो ग्रामीणों को बिना बताए और गलत तरीके से उनके हस्ताक्षर लेकर उन्हें गवाह भी बना दिया गया.
प्राथमिकी नहीं हुई है दर्ज
ब्रह्मदेव सिंह की पत्नी की जीरामणि देवी अन्य ग्रामीणों के साथ 29 जून को मामला दर्ज करवाने थाना पहुंची. जीरामणि हत्या के लिए जिम्मेदार सुरक्षा बलों के खिलाफ मामला दर्ज कराने थाना आयी था. दबाव में पुलिस ने आवेदन तो ले लिया लेकिन आज तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है.
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