Chaibasa: पश्चिम सिंहभूम के कुमारडुंगी प्रखंड के खंडकोरी पंचायत में बीते एक महीने के अंदर 15 लोगों की मौत हो गई है. सभी लोगों में कोरोना के प्रारंभिक लक्षण थे, लेकिन किसी का कोविड टेस्ट नहीं हुआ था. जिन लोगों की मौत हुई उनकी उम्र 50 साल से अधिक थी और किसी ने कोविड वैक्सीन भी नहीं लिया था. ग्रामीण बताते हैं कि मरने वाले सभी लोग सर्दी, खांसी और बुखार से ग्रसित थे और एक झोलाछाप डॉक्टर से इलाज करवा रहे थे.
अफवाह फैली की हड़िया पीकर बीमारी से लड़ा जा सकता था
आदिवासी बहुल यह गांव काफी पिछड़ा है. सारे लोग गरीब हैं. हड़िया बनाकर बेचते हैं और अपना परिवार चलाते हैं. कोरोना संक्रमित होने के बाद गांव में अफवाह फैली की हड़िया पीकर बीमारी से लड़ा जा सकता था. इसके बाद सभी मरीजों ने हड़िया पीकर इलाज करना शुरू कर दिया. पंचायत के मुखिया जुमाल आल्डा भी बीमार हैं. सरकारी अस्पताल से दवा लाकर वे खाकर अपना इलाज कर रहे हैं. उनका कहना है कि गांव के अधिकतर लोगों ने कोविड टेस्ट नहीं करवायी है. जितने लोगों ने करवायी, उनमें से एक भी संक्रमित नहीं है.
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18 से 44 साल के एक भी व्यक्ति ने नहीं ली वैक्सीन
खंडकोरी पंचायत में अफवाह के कारण लोग कोविड वैक्सीन भी नहीं ले रहे हैं. गांव में 18 से 44 वर्ष तक के एक भी शख्स ने वैक्सीन नहीं ली है. यहां करीब 2000 लोग 18 से 44 साल के हैं. अधिकतर लोगों को 18 प्लस वाले वैक्सीन के बारे में जानकारी नहीं है. जिन लोगों को जानकारी है वो भी वैक्सीन लेने से कतरा रहे हैं.
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45 प्लस वाले अफवाह के कारण नहीं ले रहे दूसरा डोज
खंडकोरी में 45 प्लस के वैक्सीनेशन के लिए दो बार कैम्प लग चुका है. 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले 37 लोगों ने वैक्सीन का पहला डोज लिया है. इसके बाद जब दूसरी बार टीम गई तो लोग वैक्सीन लेने नहीं पहुंचे. इसके बाद मुखिया ने घर-घर जाकर लोगों से वैक्सीन लेने को कहा, लेकिन कोई टीका लगवाने नहीं आया. ऐसे में एक भी व्यक्ति को वैक्सीन दिए बिना ही मेडिकल टीम वापस लौट गई.
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