Lagatar Desk : पश्चिम बंगाल की तीन विधानसभा सीटों पर 30 सितंबर को उपचुनाव होना है. इसमें भवानीपुर सीट भी शामिल है. लेकिन पिछले चुनाव में हुई हिंसा का मामला अभी थमा भी नहीं है कि उपचुनाव से पहले भी हिंसा की घटनाएं सामने आने लगी हैं. ताजा मामला भवानीपुर से ही है. जहां उपचुनाव प्रचार के आखिरी दिन हिंसा-मारपीट के दृश्य सामने आये हैं और शुरू हो चुका है आरोप-प्रत्यारोप का दौर. इसमें भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर मारपीट का आरोप लगाया है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि मारपीट करने वालों में ममता बनर्जी का भाई भी शामिल था. दिलीप घोष ने भवानीपुर उपचुनाव को स्थगित कराने की मांग की है. उन्होंने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर गुंडागर्दी के आरोप लगाए हैं.
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प्रेस कांफ्रेंस कर लगाए आरोप
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मैं भवानीपुर क्षेत्र में लिफलेट देने गया था तभी वहां टीएमसी कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी. उसके बाद मैं एक सेंटर में घुसा. वहां पर लोगों ने मुझे घेर लिया. मुझपर हमला किया गया. हमारे कार्यकर्ताओं को पीटा गया. एक घंटे पहले अर्जुन सिंह के साथ भी यही सब हुआ था. यह हर रोज हो रहा है. हमने पुलिस से भी सहायता मांगी थी, लेकिन हमें कोई मदद नहीं दी गई. वहां पर एक पुलिसवाला सिविल ड्रेस में मौजूद था. उसने जब हमें बचाने की कोशिश की तो उसके साथ भी मारपीट की गयी.
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मौजूदा हालात में निष्पक्ष तरीके से वोटिंग करवाना मुश्किल
भवानीपुर जैसे इलाके में जहां पर सीएम ममता बनर्जी रहती है, वहां पर मैंने निर्वाचन आयोग को भी शिकायत की थी. लेकिन उनकी तरफ से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. मौजूदा हालात में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से वोटिंग करवाना बेहद मुश्किल है. इस वजह से मैंने चुनाव स्थगित करवाने की मांग की है. दिलीप घोष ने कहा कि जिस तरीके से मुझ पर हमला हुआ और मुझे बचाने के लिए मेरे सुरक्षाकर्मियों को मजबूरी में बंदूक निकालनी पड़ी वैसी परिस्थिति में चुनाव होना संभव नहीं है.