Ranchi : राजधानी रांची में वायरल इंफेक्शन ने लोगों की टेंशन बढ़ा दी है. खासकर बच्चे की इसकी चपेट में अधिक आ रहे हैं. शहर के विभिन्न अस्पतालों में वायरल इंफेक्शन से ग्रसित बच्चों की संख्या बढ़ी हुई है. विशेषज्ञ चिकित्सकों की मानें तो अक्टूबर तक मरीजों की संख्या कम नहीं होगी. पिछले साल के मुकाबले इस साल 10 गुना अधिक मरीज मिल रहे हैं. रिम्स पीडियाट्रिक विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अभिषेक रंजन ने कहा कि हर साल की तरह इस साल भी वायरल फीवर से ग्रसित बच्चे आ रहे हैं. लेकिन पिछले साल के मुकाबले इस साल रिम्स में इंफेक्शन की चपेट में आने वाले बच्चों की संख्या दोगुनी है.
7 साल से कम आयु के बच्चे रिम्स में भर्ती
रिम्स के पीडियाट्रिक विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अभिषेक रंजन ने कहा कि रिम्स में कॉमन फ्लू (सर्दी, खांसी, बुखार) से ग्रसित बच्चों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने कहा कि पीडियाट्रिक विभाग के विभिन्न यूनिट को मिलाकर 200 के करीब बच्चे भर्ती हैं. पिछले साल वायरल फीवर तीन से चार दिन में ठीक हो जाता था, लेकिन इस साल बच्चों को ठीक होने में सात से आठ दिन का समय लग रहा है. डॉ अभिषेक के मुताबिक रिम्स में भर्ती अधिकतर बच्चों की उम्र 7 साल से कम है.
रानी चिल्ड्रेन अस्पताल में 200 बच्चे भर्ती
शहर के रानी चिल्ड्रन हॉस्पिटल में भी 200 के करीब बच्चे भर्ती हैं. अस्पताल के चिकित्सक डॉ राजेश ने कहा कि इनमें 60 ऐसे बच्चे हैं, जिनमें वायरल न्यूमोनिया और सांस की नली में सूजन(bronchiolitis) की समस्या है.
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बालपन चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में 36 बच्चे भर्ती
बालपन अस्पताल के संचालक और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश ने बताया कि मरीजों की संख्या पिछले एक महीने से बढ़ी हुई है. आगे एक और महीने मरीज मिलते रहेंगे. हालांकि उन्होंने बताया कि इस बार का ट्रेंड पिछले साल के मुकाबले अलग है. इस बार मरीजों में वायरल फीवर करीब सात से दस दिनों तक रह रहा है. पिछले साल सिर्फ दो से तीन दिनों फीवर ठीक हो जाता था.
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सैमफोर्ड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में 10 बच्चे भर्ती
वहीं, रांची के सैमफोर्ड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में भी 10 बच्चे भर्ती हैं, जिनकी उम्र 5 से 11 साल के बीच है. सैमफोर्ड प्रबंधन के मुताबिक बच्चों को हाई फीवर है. इन्हें एंटीबायोटिक का असर नहीं कर रहा है. जिस कारण इन्हें आईवीआई इंजेक्शन(इम्युनिटी बूस्टर) दिया जा रहा है. साथ ही आरटीपीसीआर से कोरोना जांच भी की गयी है, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आयी है.
सदर अस्पताल के PICU में चार बच्चे भर्ती
वहीं, सदर अस्पताल के पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट(पीकू) में चार बच्चे भर्ती हैं. अस्पताल के चिकित्सक के मुताबिक बच्चों में न्यूमोनिया और वायरल फीवर है. साथ ही सांस संबंधी बीमारी भी है, जिसका इलाज चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है.
डायटिशियन ममता का सुझाव- बच्चों के आहार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत
वहीं, सदर अस्पताल की आहार विद (डाइटिशियन) कुमारी ममता ने कहा कि मौसम वायरल इंफेक्शन का है. ऐसे में परिजनों को अपने बच्चों का समुचित ख्याल रखने की जरूरत है. बच्चों के आहार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बच्चों को इम्यूनिटी बढ़ाने वाले आहार दे. आहार में हरी सब्जी, फल (सेव) और गर्म खाना दे. साथ ही बच्चों को ड्राई फ्रूट्स भी दें, ताकि उन्हें संक्रमण से बचाया जा सके. ड्राई फ्रूट्स में खजूर और खजूर का हलवा बच्चों को खिलाएं. साथ ही फास्ट फूड से परहेज करने की भी सलाह दी है.