Giridih: जंगल की रखवाली में वाचिंग टावर काफी उपयोगी होता है. इस पर चढ़कर वनकर्मी दूर तक निगाह रखते हैं. लेकिन गिरिडीह के बेंगाबाद प्रखंड के हतवा जंगल का वाचिंग टावर पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. इससे वन संपदा का अस्तित्व खतरे में है. जंगलों की कटाई के साथ-साथ पत्थरों का भी अवैध खनन जारी है.
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जंगल में माइका का भंडार है
बताया जाता है कि बेंगाबाद प्रखंड का खूरचूट्टा वन प्रक्षेत्र जिले के बड़े प्रक्षेत्र में से एक है. इस प्रखंड का पूर्वी और उत्तरी भाग वन संपदा से परिपूर्ण है. यहां का हतवा जंगल काफी प्रसिद्ध है. इस जंगल में सखुआ, महुआ और शीशम सहित कई पेड़ लगे हुए हैं. इस क्षेत्र में माइका, काला और सफेद पत्थर का भंडार है. इसकी सुरक्षा के लिए भागाबांध में अंग्रेजी शासन काल में वाचिंग टावर का निर्माण करवाया गया था. इस टावर से वनकर्मी पूरे जंगल की निगरानी करते हैं. लेकिन अब मुश्किल हो रही है.
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वाचिंग टावर वन विभाग के लिए वरदान
भाकपा माले नेता सुखदेव गोस्वामी ने कहा कि वाचिंग टावर वन विभाग के लिए वरदान साबित हो रहा था. लेकिन सही तरीके से इसका रखरखाव नही होने से काफी जर्जर हो गया है. अब इस टावर के ऊपर चढ़ने में भी लोगों को डर लगता है. इसकी मरम्मती के लिए भी अब तक कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है. उन्होंने टावर को फिर से अस्तित्व में लाने की मांग की है, ताकि जंगल की सुरक्षा निरंतर होती रहे.
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