Ranchi: दक्षिण-पूर्व रेलवे ने रांची समेत अपने अन्य रेल मंडल में जल प्रबंधन और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए विभिन्न उपाय विकसित कर रही है. इसके तहत छह जल संशोधन उपकरणों को चालू किया गया है. इन उपकरणों के जरिए गंदे जल का ट्रीटमेंट किया जाएगा. इसे फिर से उपयोग में लाने के लिए वाटर रिसाइक्लिंग किया गया है. ऐसे दो वाटर रिसाइक्लिंग प्लांट उपकरण दीघा और एक-एक प्लांट रांची, हटिया, चक्रधरपुर और झारसुगुड़ा में लगाया जा चुका है.
भविष्य में उपयोग के लिए वर्षा जल एकत्र करने की दृष्टि से दपूर्व रेलवे के चार रेल मंडल में 78 स्थानों पर वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित की गई है. इससे पानी के उचित संरक्षण और उसी के अनुसार उपयोग में मदद मिल रही है.
इसे भी पढ़ें-LAGATAR IMPACT: मनरेगा योजना में लाभुक को मेटेरियल का पैसा नहीं मिलने की शिकायत पर एसडीओ ने दिया जांच का आदेश
इसके अलावा, दीघा स्टेशन पर 5 केएलडी क्षमता के 2 संयुक्त सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट चालू किए गए हैं. यह दूषित जल को रिसाइक्लिंग के माध्यम से साफ कर इसे फिर से प्रयोग में लाया जा रहा है.
अतिरिक्त जल संरक्षण और जल प्रवाह मापने के लिए खड़गपुर मंडल के 15 स्टेशनों पर 32 जल मीटर लगाए गए हैं. प्रभावी जल प्रबंधन के साथ-साथ दक्षिण पूर्व रेलवे ने पर्यावरण के अनुकूल उपाय के रूप में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को भी अपना रहा है. इस दिशा में नौ रेलवे स्टेशनों पर कंपोस्टिंग प्लांट उपलब्ध कराए गए हैं. दपू रेलवे के अधिकार क्षेत्र में दस स्टेशनों पर काम चल रहा है. इसके अलावा, प्रभावी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के रूप में 16 स्टेशनों पर 583 ट्विन-बिन कूड़ेदान उपलब्ध कराए गए हैं.