Praveen Kumar
Ranchi : कन्वेयर बेल्ट चालू होने के बाद भी एनटीपीसी के पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना से कोयले की ढुलाई सड़क मार्ग से की जा रही है. बरवाडीह कोल परियोजना से बानादाग रेलवे साइडिंग तक कोयला परिवहन के लिए हजारीबाग पश्चिमी वन प्रमंडल द्वारा वैध चालान जारी किया जा रहा है. इसके लिए वन विभाग केंद्रीय मंत्रालय और पश्चिमी वन प्रमंडल के आदेशों-निर्देशों को ताक पर रखकर सड़क मार्ग से अवैध परिवहन के लिए चालान जारी कर रहा है. इस पर कोई भी विभागीय अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. परियोजना के लिए भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा फॉरेस्ट क्लियरेंस में यह शर्त है कि एनटीपीसी को कन्वेयर बेल्ट से कोयले की ढुलाई करनी है. जब तक कन्वेयर बेल्ट नहीं बनी थी, तब तक के लिए एनटीपीसी ने मंत्रालय से सड़क मार्ग से कोयला ढुलाई की शर्तों में छूट मांगी थी. इस आधार पर मंत्रालय ने 10 नवंबर 2020 से 28 जून 2022 तक ही एनटीपीसी को सड़क मार्ग से कोयला परिवहन का आदेश दिया था. एनटीपीसी की कन्वेयर बेल्ट बनी और चालू भी हो गई. मंत्रालय द्वारा सड़क मार्ग से कोयला ढुलाई के लिए जिस समयावधि तक की छूट दी गई था, वह भी खत्म हो गई पर ढुलाई जारी है.
18 किमी के लिए 24 से 30 घंटे का चालान
सूत्र बताते हैं कि सड़क मार्ग से ट्रांसपोर्टेशन के दौरान ही कोयले की हेराफेरी कर कंपनी के सारे आंतरिक प्रबंधन के लिए धन जुटाया जाता है. पिछले महीने वन विभाग के एक अधिकारी ने सड़क परिवहन चालान में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी थी. मात्र 18 किलोमीटर की दूरी के लिए 6 घंटे, 24 घंटे से लेकर 30 घंटे तक की समयावधि तक का चालान जारी किया जा रहा था. एक चालान से कई खेप कोयला बाहर खपाया जाता था. अधिकारी द्वारा गड़बड़ी उजागर करने और रिपोर्ट देने से वन विभाग के एक सीनियर अफसर इतने नाराज हुए कि उस अधिकारी को न सिर्फ शो-कॉज जारी किया, बल्कि महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से हटाकर शंटिंग में डाल दिया.
हम कुछ नहीं बोंलेंगे : डीएफओ
हजारीबाग पश्चिमी वन प्रमंडल पदाधिकारी रवींद्र नाथ मिश्रा ने इस संबंध में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. कहा कि हम कुछ नहीं कहेंगे. आपको जो लिखना है लिख दें.
हमें और भी काम है : पीआरओ
एनटीपीसी के पीआरओ मृत्युंजय वर्मा से पक्ष लेने के लिए संंपर्क किया गया. मैसेज किया गया लेकिन जवाब नहीं मिला. पुनः फोन करने पर वर्मा ने कहा- हमें और भी कई काम हैं. मैं अपना पक्ष भेज दूंगा पर एनटीपीसी की ओर से पक्ष नहीं भेजा गया.
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