LagatarDesk : वेब सीरीज ‘Grahan’ का ट्रेलर हाल में लांच हुआ है. बता दें कि 24 जून को यह वेब सीरीज डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज होने वाली है. लेकिन इससे पहले ही सोशल मीडिया पर इसे बैन करने की मांग उठ रही है. ट्विटर पर हैशटैग #BanGrahanWebSeries काफी ट्रेंड हो रहा है. सिख समुदाय के लोग इस वेब सीरीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं. उनका आरोप है कि इसमें सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचायी गयी है. इसमें भ्रमित करने वाले दृश्य और गलत तथ्यों को पेश किया गया है.
1984 के सिख दंगे पर आधारित है वेब सीरीज ग्रहण
बता दें कि यह वेब सीरीज 1984 में हुए सिख दंगे पर आधारित है. इसकी पटकथा सत्य व्यास के नोवेल ‘चौरासी’ से प्रेरित है. इसको लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की अध्यक्ष बीबी जगीर कौर ने सूचना प्रसारण मंत्रालय को एक पत्र भी लिखा है.
This web series tries to show that the Sikhs themselves committed the massacre in 1984. It is an attempt to openly defame the Sikhs. The whole world knows that Sikhs are a great nation and will remain so.#BanGrahanWebSeries#Retweet pic.twitter.com/bPihkqkMvJ
— Ranjodh Mangat (@ranjodhmangat11) June 23, 2021
ट्रेलर के बाद से ही विवादों से घिरी है वेब सीरीज
‘Grahan’ के ट्रेलर आने के बाद से ही यह वेब सीरीज विवादों में है. ट्रेलर में दिखाया गया है कि देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख दंगे की कहानी दिखायी गयी है. इसमें दिखाया गया है कि दंगों की जांच कई सालों से चल रही है. इस सीरीज में एक्ट्रेस जोया हुसैन रांची पुलिस आयुक्त आईपीएस ऑफिसर का किरदार निभा रही है. जोया हुसैन को इस मामले की जांच करती नजर आ रही हैं.
जांच में जोया हुसैन के पिता ही रहते हैं आरोपी
इस सीरीज में जोया हुसैन को जांच में पता चलता है कि जिसकी वह तालाश कर रही हैं, वह कोई और नहीं उनके पिता है. उनके पिता का किरदार एक्टर पवन मल्होत्रा ने निभाया है.
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वेब सीरीज के प्रोड्यूसर को भेजा गया कानूनी नोटिस
बता दें कि वेब सीरीज के प्रोड्यूसर को 19 जून को लीगल नोटिस भेजा गया है. नोटिस में लिखा है कि इस सीरीज को रिलीज नहीं करें. इसके बावजूद वेब सीरीज को रिलीज किया गया, तो उपरोक्त लोगों पर मुक़दमा दर्ज कराया जायेगा. ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन के पूर्वी भारत अध्यक्ष सतनाम सिंह गंभीर ने झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय एवं दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट के अधिवक्ता हरप्रीत सिंह होरा के माध्यम से यह कानूनी नोटिस भेजा गया है.
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