NewDelhi : ममता बनर्जी के करीबी माने जानेवाले पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को केंद्र ने वापस बुला लिया है. खबर है कि उन्हें सोमवार को दिल्ली में रिपोर्ट करने को कहा गया है. बता दें कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को सेवा विस्तार दिये जाने के मात्र चार दिन बाद केंद्र ने शुक्रवार रात उनकी सेवाएं मांगी और राज्य सरकार से कहा कि वह अधिकारी को तुरंत कार्यमुक्त करें. पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी टीएमसी ने इस कदम को जबरन प्रतिनियुक्ति करार दिया है.
जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल काडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी बंदोपाध्याय 60 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे. लेकिन केंद्र से मंजूरी के बाद उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया. ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर बंदोपाध्याय को कोविड-19 महामारी से निपटने के उनके अनुभव को देखते हुए कम से कम छह महीने का सेवा विस्तार देने का आग्रह किया था.
इसे भी पढ़ें : महुआ मोइत्रा का पीएम पर तंज, 15 लाख के लिए सात साल से वेट कर रहे हैं, थोड़ा आप भी इंतजार कर लीजिए
सोमवार को दिल्ली में रिपोर्ट करने को कहा
राज्य सरकार को भेजे एक पत्र में कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (काडर) नियम, 1954 के प्रावधानों के अनुसार बंदोपाध्याय की सेवाओं को भारत सरकार में शामिल करने को तत्काल प्रभाव से मंजूरी दे दी है. इसमें राज्य सरकार को तत्काल प्रभाव से अधिकारी को कार्यमुक्त करने के लिए कहते हुए बंदोपाध्याय को 31 मई को सुबह 10 बजे तक कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, नॉर्थ ब्लॉक, नयी दिल्ली को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है.
सर्विस रूल्स कहती है
सर्विस रूल्स कहती है कि प्रधानमंत्री अगर किसी राज्य की कोई भी समीक्षा बैठक बुलाते हैं, तो मुख्य सचिव या उसी रैंक का अधिकारी बैठक में मौजूद होना चाहिए. अगर कोई अधिकारी ऐसा नहीं करता है, तो यह सर्विस रूल्स का उल्लंघन माना जायेगा. इसे ही आधार बनाकर शुक्रवार देर शाम केंद्र सरकार की एप्वाइंटमेंट ममेटी आन कैबिनेट ने इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस(कैडर) नियम 1954 की अधिनियम 6(1) का प्रयोग करते हुए 1987 बैच के अल्पन बंदोपाध्याय को बंगाल से वापस बुला लिया
इसे भी पढ़ें : यास चक्रवात : पीएम मोदी की मीटिंग में 30 मिनट देर से पहुंची ममता बनर्जी, कागजात थमाकर निकल गयीं
केंद्र के आदेश से TMC नाराज
केंद्र के आदेश से तृणमूल कांग्रेस नाराज है. पार्टी ने कहा कि बंदोपाध्याय की सेवाएं मांगने का निर्णय इसलिए आया क्योंकि राज्य के लोगों ने मुख्यमंत्री को भारी जनादेश दिया है. तृणमूल कांग्रेस सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने इसे मुख्य सचिव की जबरन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति बताते हुए पूछा कि क्या ऐसा आजादी के बाद से कभी हुआ है? किसी राज्य के मुख्य सचिव की जबरन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति? मोदी-शाह की भाजपा और कितना नीचे गिरेगी?’’
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि यह फैसला ममता बनर्जी के सच्चे सिपाही बंदोपाध्याय के अच्छे काम को पटरी से उतारने के लिए लिया गया है. घोष ने कहा, ऐसे समय में जब बंगाल कोविड महामारी और चक्रवात यास से हुई तबाही का सामना कर रहा है, केंद्र सरकार राज्य के लोगों को और परेशान करने की कोशिश कर रही है. वे बंगाल के लोगों के दुश्मन की तरह काम कर रहे हैं.