Akshay Kumar Jha
Ranchi : सरकार के साथ किसी कारोबार को शुरू करने के लिए आवेदन पर ही 25 लाख का नन रिफंडेबल खर्च आये, तो ऐसा जुआ कौन खेलेगा भला. लेकिन झारखंड सरकार ने शराब कारोबार के लिए ऐसी ही शर्त रखी है, जिससे कोई आम व्यापारी इस धंधे में शामिल ही नहीं हो सकेगा. यानी झारखंड के शराब कारोबार में सिंडिकेट राज कायम हो जायेगा.
कुछ दिन पहले सरकार ने झारखंड राज्य बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) को भंग कर दिया. शराब का थोक व्यापार पूरी तरह से प्राइवेट प्लेयर्स के हाथों में सौंप दिया गया है. लेकिन यह सिर्फ दिखावा है. दरअसल सरकार ने शराब का खुदरा और अब थोक व्यापार भी सिंडीकेट के हाथों में सौंप दिया है. नयी नियमावली के मुताबिक शराब का थोक कारोबार वे ही लोग कर सकते हैं, जो आवेदन खरीदने के लिए 25 लाख रुपये की राशि जमा करेंगे. यह राशि नॉन रिफंडेबल है. यानी इसे लौटाया नहीं जायेगा. आपको थोक शराब बिक्री का लाइसेंस मिले या न मिले, आपके 25 लाख रुपये नहीं मिलेंगे.
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बिना काम की गारंटी के कौन देगा 25 लाख
इस मामले को लेकर लगातार ने कुछ ऐसे लोगों से बात की, जो पहले से शराब के कारोबार में हैं या इसमें उतरना चाहते हैं. ऐसे लोगों का साफ कहना है कि ऐसा कौन होगा जो काम मिलने की गारंटी के बिना सरकार का खाते में जो 25 लाख रुपये की बड़ी रकम जमा करेगा. उनका कहना है कि सरकार की यह नीति खुद कह रही है कि जिसे काम मिलने की पूरी गारंटी हो, वह ही हाथ आजमाए. वहीं शराब का कारोबार करने वाले कुछ लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी पूंजी का जुआ खेलना संभव नहीं है. इस काम में वे लोग ही हाथ लगायेंगा, जिसे पुख्ता तौर पर काम मिलने की गारंटी हो.
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एक बार पहले भी हो चुका है ऐसा
2019 में तत्कालीन उत्पाद आयुक्त भोर सिंह यादव ने देसी शराब उत्पादन के लिए टेंडर निकाला था. उस वक्त भी कुछ ऐसा ही नियम लगाया गया था. राज्य भर से आठ लोगों ने आवेदन के साथ नॉनरिफंडेबल पांच लाख रुपये जमा किया. सभी आठ को देसी शराब के उत्पादन का काम मिला. किसी वजह से सात ही काम शुरू कर पाए. ऐसे में साफ है कि इस बार भी आवेदन शुल्क वे लोग ही जमा करेंगे, जिन्हें काम मिलने की गारंटी पहले से होगी. साफ है, पहले ही सेटिंग-गेटिंग हो जायेगी.
किसी हाल में वापस नहीं मिलेगा आवेदन शुल्क
नयी नियमावली के मुताबिक राज्य भर में करीब 30 थोक विक्रेताओं को लाइसेंस मिलेगा. सभी से 25 लाख रुपये आवेदन शुल्क के तौर पर लिया जायेग.. जो वापस नहीं होगा. साथ ही जमानत की राशि और लाइसेंस फीस भी जमा करनी होगी. पांच साल की लाइसेंस फीस एकमुश्त जमा करनी है. यदि रांची के लाइसेंस की सालाना फीस एक करोड़ रुपये है, तो इसके लिए 5 साल की एकमुश्त लाइसेंस फीस पांच करोड़ के साथ 50 लाख रुपये की जमानत राशि और आवेदन शुल्क के 25 लाख रुपये जमा करने होंगे. आने वाले साल में अगर कोई लाइसेंसी काम छोड़ना चाहता है तो उसे जमानत राशि और बची हुई लाइसेंस फीस की राशि वापस मिल जायेगी. लेकिन आवेदन शुल्क का 25 लाख किसी भी हाल में वापस नहीं मिलेगा.