Ranchi: कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा किसानों के लिए शुरू की गई बीजेपी सरकार में कई गड़बड़ियां थीं, इसलिए उन्हें हेमंत सरकार ने बंद कर दिया. पिछली सरकार ने फसल बीमा योजना में 29 करोड़ 36 लाख रुपये की राशि किसानों के बीच बांटी, जबकि 153 करोड़ 58 लाख का प्रीमियम भर दिया. तीन साल में रघुवर सरकार ने 493 करोड़ रुपया केंद्र सरकार की नामी कंपनियों को प्रिमियम के रूप में दे दिया और किसानों को मिले सिर्फ 89.69 करोड़ रुपये. इसलिए इस योजना को सरकार ने बंद करने का फैसला लिया. वहीं मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना भी रेवड़ियों की तरह बांटी गई. न जाने किस-किस के खाते में सरकार ने आशीर्वाद डाल दिया. इसलिए इस योजना को भी बंद किया गया. कृषि विभाग के बजट पर चर्चा के बाद सदन में सरकार की ओर से जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने यह बातें कही.
मुश्किल दौर में भी 253.63 करोड़ कर्जमाफी की
बादल पत्रलेख ने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने कई चुनौतियों का सामना किया. किसानों के कर्जमाफी पर विपक्ष के आरोप का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के बीच विभाग ने 253 करोड़ 63 लाख रुपये किसानों का कर्ज माफ किया है. हमने 2 लाख रुपये कर्ज माफी की बात कही थी, लेकिन हालात विपरीत हो गये. फिर भी सरकार ने कर्जमाफी की और हमारी सरकार बजट की पूरी राशि खर्च करके दिखायेगी. वहीं बीजेपी पर हमला बोलते हुए मंत्री ने कहा कि डायन भी एक घर छोड़कर खाती है, लेकिन इन लोगों ने तो बेचते-बेचते देश को बेच दिया.
इसे भी पढ़ें- रांचीः कोरोना संक्रमण के कारण निकासी पर लगी रोक हटी, योजना सह वित्त विभाग ने जारी किया आदेश
पारदर्शिता के साथ काम करना चाहती है सरकार- हेमंत
कृषि मंत्री के जवाब देने से पहले सीएम हेमंत सोरेन ने सदन में कहा कि सरकार बिल्कुल पारदर्शिता के साथ काम करना चाहती है. पदाधिकारियों के भरोसे कई चीजें नहीं छोड़ी जा सकती. सीएम ने कहा कि सदन में विधायक अपनी बात रखकर सरकार का ध्यान मुद्दों पर आकृष्ट करा रहे हैं, लेकिन विधायक लिखित रूप से भी अपने सुझाव सरकार को दे सकते हैं.
नियमों के मकड़जाल में उलझी कर्जमाफी, जांच हो- आजसू
किसानों की कर्जमाफी पर आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि सरकार ने 2000 करोड़ रुपये कर्जमाफी करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन 1000 करोड़ रुपये सरेंडर हो गया. बचा 1000 करोड़ रुपये भी नियमों के मकड़जाल में उलझा है. इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने धान अधिप्राप्ति केंद्र खोलने में हुई अनियमितता का भी मुद्दा उठाया.विधायक ने कहा कि उनके हजारों को कोशिश के बाद भी झुमरा पहाड़, कसमार और चतरोचट्टी में धान अधिप्राप्ति केंद्र नहीं खुली.
स्पीकर की भूमिका में नजर आईं सीता सोरेन
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विधानसभा में नारी शक्ति को सम्मान मिला. जेएमएम विधायक सीता सोरेन स्पीकर की भूमिका में नजर आईं. दोपहर 2.19 में स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने उन्हें स्पीकर की कुर्सी सौंपी. करीब आधे घंटे तक सीता सोरेन ने सदन का संचालन अच्छे तरीके से किया. सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष ने भी उनका सहयोग किया.
रामचंद्र चंद्रवंशी ने लाया कटौती प्रस्ताव
बीजेपी विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने कृषि विभाग के बजट के खिलाफ कटौती प्रस्ताव लाया. उन्होंने कहा कि कृषि यंत्र वितरण की घोषणा हवा-हवाई साबित हुई. इसमें पदाधिकारियों ने मनमानी की. विधायक से सलाह लिये बिना कृषि यंत्रों का वितरण हुआ. इससे विधायकों के मान-सम्मान को ठेस पहुंचा है. पशु अस्पतालों में डॉक्टरों के नहीं होने का भी मुद्दा विधायक ने उठाया.
इसे भी पढ़ें- बीजेपी महिला मोर्चा ने कोरोना काल में सेवा दे रहीं महिलाओं को किया सम्मानित
भौगोलिक स्थिति की मुताबिक बने योजना- बंधु
विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि राज्य के पांचों प्रमंडलों की भौगोलिक स्थिति अलग है, इसलिए कृषि और पशुपालन विभाग जो भी नीतियां बनाये उसमें इसका ध्यान रखा जाए. कोल्ड स्टोरेजों की संख्या बहुत बढ़ाने की जरूरत है. किसान सब्जियां बर्बाद होने के डर से कम दामों में सब्जियां बेचने को मजबूर हैं.
कृषि भूमि बढ़ाने के लिए क्या कर रही सरकार- माले
माले विधायक बिनोद सिंह ने कहा कि सरकार योजनाएं तो ला रही है, लेकिन कृषि भूमि बढ़ाने की दिशा में कदम नहीं उठाये जा रहे हैं. जोत भूमि बढ़ाने के मामले में पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ झारखंड से काफी आगे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी नीति बने कि अगर सरकार कृषि भूमि का अधिग्रहण करती है तो रैयत को दूसरी जगह पर उतनी ही भूमि कृषि योग्य मुहैया कराई जाए.
इसे भी पढ़ें- विमेंस डे पर 50 महिला पत्रकार और 20 दीदियों को मिला तेजस्विनी सम्मान
किसान हित की योजनाएं सरकार ने कर दी बंद- केदार
विधायक केदार हाजरा ने कहा कि किसान हित की योजनाओं को हेमंत सरकार ने बंद कर दिया. एक साल में एक भी तालाब का जीर्णोद्धार नहीं हुआ. जिन किसानों ने तालाब बनाया अबतक उन्हें अनुदान राशि उपलब्ध नहीं कराई गई.
फसल बीमा और सिंचाई को गंभीरता से ले सरकार- अमित
विधायक अमित यादव सिंचाई का मुद्दा सदन में उठाया. उन्होंने कहा कि झारखंड के डैमों का पानी बंगाल चला जाता है और यहां के किसान देखते रह जाते हैं. फसल बीमा पर भी उन्होंने सवाल उठाये. कहा कि फसलों का बीमा नहीं होने के कारण इचाक प्रखंड के किसानों की फसल बर्बाद होने पर उन्हें बड़ा नुकसान हुआ है. बड़े किसानों को 10 से 20 लाख रुपये तक का नुकसान हुआ है.
इसे भी देखें-