New Delhi : कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए भारत सरकार ने कई जागरूकता अभियान चलाए थे. इनमें से एक प्रयास कोरोना का कॉलर ट्यून है. हम जब किसी नंबर को डायल करते हैं तो उधर से प्री-कॉल ऑडियो सुनाई देता है. इस ऑडियो में कोरोना से बचाव के उपाय औऱ वैक्सीन की जानकारी दी जाती थी. लगभग 40 सेंकेंड की इस कॉलर ट्यून के कई लोग परेशान होकर शिकायत करने लगे थे. आप भी कोरोना के कॉलर ट्यून से परेशान हो गए हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है, क्योंकि आपको जल्द ही इस कॉलर ट्यून बंद किया जा जाने वाला है.
कॉल कनेक्शन में काफी देर होती है
सरकार कोविड -19 ‘कॉलर ट्यून’ को बंद करने पर विचार कर रही है. देश भर में जीवन सामान्य होने के साथ जल्द ही इसे भी बंद कर दिया जाएगा. कोरोना कॉलर ट्यून को बंद करने के लिए दूरसंचार विभाग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखा है. स्वास्थ्य मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में कहा है कि प्री-कॉलर कॉलर ट्यून को जारी रखना मतलब ऐसे महत्वपूर्ण कॉलों को रोकना और देरी करना है, जो आपात स्थिति के लिए किए जा रहे हैं. इस वजह से दूरसंचार सेवा प्रदाताओं मोबाइल नेटवर्क कॉल कनेक्शन में काफी देरी करते हैं.
ऑडियो के चलते बैंडविथ के संसाधनों का खर्च भी बढ़ता है
पत्र में कहा गया है कि, इस ऑडियो के चलते बैंडविथ के संसाधनों का खर्च भी बढ़ता है. इससे टेलीकॉम ऑपरेटर्स के नेटवर्क पर ओवरलोड बढ़ता है जिससे फोन लगने में देरी होती है. यही नहीं इससे ग्राहकों को भी झुंझलाहट होती है, क्योंकि उन्हें जल्दी में फोन करना होता है. जबकि उधर से ऑडियो पहले बजता है. पत्र में कहा गया है इसे रोके जाने की मांग सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और मोबाइल ग्राहकों ने भी की है. रिंग बैक टोन्स के खिलाफ कई आरटीआई के माध्यम से शिकायत की गई है.
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